प्रतीकात्मक तस्वीर।  
 
  
 
वीके शुक्ला, नई दिल्ली। शराब की तस्करी रोकने के लिए दिल्ली में केवल कागजों में ही प्रयास हो रहे हैं , जमीनी स्तर पर काम नहीं हो रहा है। एक आरटीआई के जवाब से तस्करों पर हुई कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। पिछले वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में पिछले वर्षों में लगातार कम होती आई है अवैध तस्करों पर कार्रवाई। इसके पीछे विभाग की उदासीनता के साथ ही स्टाफ की कमी को भी बड़ा कारण माना जा रहा है। आबकारी विभाग के प्रवर्तन दल में एसीपी, इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक की है भारी कमी है।  
 
एक तो विभाग के सृजित पदों में कमी है। दूसरे स्वीकृत पदों में से भी अाधे से भी अधिक पद रिक्त पड़े हैं। ऐसे में तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई प्रभावित हो रही है। दिल्ली में अवैध रूप से धड़ल्ले से दूसरे राज्याें की शराब बिक रही है। दिल्ली सरकार ने वर्तमान अाबकारी नीति को ही 31 मार्च तक विस्तार दे दिया है। बताया जा रहा है कि दीवाली पर भी बड़े स्तर पर दिल्ली में अवैध शराब खप गई है। हालांकि दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्ली में आबकारी से राजस्व लगातार बढ़ रहा है।  
 
विभाग की स्थिति की बदहाली की बात करें ताे विभाग में कुल 60 स्वीकृत पदों में से 43 खाली पड़े हैं ,केवल 17 पद भरे हुए हैं। इनमें भी विभाग के प्रवर्तन विंग के मुखिया के तौर पर निर्धारित एसीपी का पद रिक्त है, इतना ही नहीं जाे निरीक्षक का पद सृजित है, वह भी रिक्त है। जो सहायक निरीक्षक के नौ में से छह पद रिक्त हैं। जिन हवलदार और सिपाहियाें की निगरानी में सबसे अधिक जरूरत हाेती है, उनमें 20 हवलदार में से केवल छह माैजूद हैं, सिपाहियों के 29 पदों से 21 खाली पड़े हैं। यानी 60 में से 17 पदों पर ही अधिकारी और कर्मचारी मौजूद हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
छापेमारी में हुई कार्रवाई (अक्टूबर तक)  
| वर्ष   | अवैध शराब | वाहन  | पकड़े गए लोग |  |  2021 |  211555 |  325 |  646 |  |  2022 |  160652 |  253 |  565 |  |  2023 |  138797 |  137 |  426 |  |  2024 |  103349 |  104 |  289 |     
रिक्त पदों की संख्या  
| पद  | स्वीकृती | भर्ती | रिक्त पद |  | एसीपी  | 1  | 0  | 1 |  | निरीक्षक  | 1  | 0  | 1 |  | सहायक निरीक्षक  | 9  | 3  | 6 |  | हेड कांस्टेबल  | 20  | 6  | 14 |  | सिपाही  | 29  | 8  | 21 |  | कुल  | 60  | 17  | 43 |     
वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई  
 
इस सबके बावजूद शराब की बिक्री में वृद्धि के साथ, दिल्ली सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में आबकारी राजस्व संग्रह में 12 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की है। आंकड़ों के अनुसार, मूल्य वर्धित कर (वैट) सहित आबकारी राजस्व अप्रैल-सितंबर 2024-25 के दौरान 3,731.79 करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में यह बढ़कर 4,192.86 करोड़ रुपये हो गया।  
तस्करी रुके तो 20 प्रतिशत और बढ़ सकता है दिल्ली का राजस्व  
 
शराब के कारोबार से जुड़े जानकारों की मानें तो अगर दिल्ली में चौकसी बढ़ती है और तस्करी पर प्रतिबंध लगाता है तो कम से कम दिल्ली सरकार का राजस्व 20 प्रतिशत तक और बढ़ सकता है। उनकी मानें तो हरियाणा में शराब सस्ती होने के कारण बड़े स्तर पर दिल्ली में शराब की तस्करी हो रही है। कई जगह झुकियों में भी शराब की बिक्री हो रही है, यहां तक कि अन्य स्थानों पर भी दूसरे राज्यों की शराब दिल्ली में खप रही है। ऐसे में निगरानी की अत्यंत आवश्यकता है। निगरानी तभी ठीक से हो सकेगी, जब पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध होगा।  
दावा-अगले कुछ महीनों उपलब्ध होगा पर्याप्त स्टाफ  
 
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि आबकारी विभाग को लेकर पिछले सालों में स्थितियां ठीक नहीं रही हैं। जिसके कारण कई तरीके की समस्या खड़ी हुई हैं। मगर अब विभाग में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए प्रक्रिया शुरू होने जा रही है अगले कुछ महीनो में विभाग के लिए पर्याप्त स्टाफ भी उपलब्ध हो गया और व्यवस्थाएं भी बेहतर होंगी।  
 
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