जागरण संवाददाता, सोनभद्र। मयोरपुर विकास खंड क्षेत्र के दर्जनों गांव के किसान बंदरो के आतंक से त्रस्त हो खेती से मुँह मोड़ मजदूरी की राह पकड़ने को विवश हो रहे है, किसानों की फसलों के साथ साथ घरों को भी बन्दर क्षति ग्रस्त कर लोगो को बेघर कर रहे है ग्रामीणों को बंदरो से मुक्ति का कोई मार्ग ढूढ़े नहीं मिल रहा विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विकास खंड क्षेत्र के खैराही, किरवानी, रन टोला, गोविंदपुर, गंभीरपुर, रासपहरी, कुंडाडीह, मयोरपुर, बलियरी, नवा टोला, सूपाचूआ सहित दर्जनों गांव बंदरो का स्थाई निवास स्थल बन चूका है।
बन्दर फसलों, सब्जियों, फलदार वृक्षों को तो तहस नहस कर ही रहे है साथ ही खपड़ैल घरों पर उछल कूद कर खपड़ैल तोड़ घर को बर्बाद कर रहे हैं, जिस कारण घर चलनी की तरह टपक रहे है लोगो को सर छुपाने भर की जगह नहीं मिल रही, प्लास्टिक डाल दीवार बचाने की कोशिश भी बंदरों के कारण असफल साबित हो रही है।
राम देव, बेचन, गोपी, सुदामा, राम चरित्र, सरजू, हीरालाल ने बताया कि उनकी मक्के की फसल बंदरो ने नष्ट कर दी, सब्जियाँ खा गए अमरुद, शरीफा के फल चट कर घरो पर नाचते बन्दर खपड़ैल तोड़ कर चूर चूर कर डाले हैं, प्लास्टिक डाल घर बचाने की कोशिश भी बेकार साबित हो रही है।
खेती में लगी लागत भी वापस मिलने की आशा नहीं है, ऐसे मे खेत परती रखने व मजदूरी करने के आलावा कोई रास्ता नहीं बचा है, ग्रामीणों ने जिला प्रसाशन से इस समस्या के निवारण किये जाने की मांग की है। |