भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। सभी राजनीतिक दलों के कार्यालयों में मिलन समारोह की बढ़ गयी शृंखला खूब नोटिस ली रही। वहीं जदयू से बाहर निकल कर दूसरे दल में अपने को सेट करने और फिर जदयू में आकर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में लगे प्रत्याशियों की हर जगह चर्चा हो रही। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पूर्णिया की कहानी कुछ इस तरह
एक समय पूर्णिया से जदयू के सांसद रहे संताेष कुशवाहा अब पूर्णिया के धमदाहा विधानसभा क्षेत्र से राजद प्रत्याशी के रूप में नजर आएंगे। पूर्णिया सांसद पप्पू यादव भी महागठबंधन में है। लोकसभा चुनाव में संतोष कुशवाहा ने पप्पू यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उस समय धमदाहा की जदयू विधायक और मंत्री लेशी सिंह ने संतोष कुशवाहा के पक्ष में प्रचार किया था।
अब धमदाहा में बदले दृश्य की खूब चर्चा हो रही। इसी तरह पूर्णिया के रूपौैली सीट की कहानी है। वर्ष 2020 के चुनाव में वहां से जदयू की टिकट पर बीमा भारती ने चुनाव जीता था। अब वह राजद में हैं। उनके विरुद्ध चुनाव लड़ने वाले शंकर सिंह इस बार जदयू की टिकट पर रूपौली से प्रत्याशी होंगे।
जहानाबाद जिले में भी नया
जहानाबाद जिले में भी इस बार नया परिदृश्य है। जहानाबाद की घोसी सीट से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ने वाले राहुल शर्मा अब राजद में है। वहीं जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार के पुत्र ऋतुराज इस बार घोसी विधानसभा क्षेत्र से जदयू के उम्मीदवार होंगे। जहानाबाद सीट से भी जदयू के एक पूर्व सांसद के पुत्र को प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा है। पिछली बार कृष्णनंदन वर्मा ने जदयू की टिकट पर यहां से जीत हासिल की थी।
नवादा जिले में भी तस्वीर बदली-बदल
नवादा जिले में भी इस बार के विधानसभा चुनाव में तस्वीर बदली-बदली सी है। नवादा से राजद की विधायक विभा देवी ने सोमवार को जदयू की सदस्यता ग्रहण कर ली। जदयू उन्हें नवादा विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बना रहा। पिछली बार जदयू ने कौशल यादव को यहां से अपना प्रत्याशी बनाया था। कौशल ने अब राजद की सदस्यता ले ली है। पूर्णिमा यादव 2020 के चुनाव में नवादा के गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू की टिकट पर चुनाव लड़ा था। वह अब राजद में हैं। वहीं रजौली के राजद विधायक प्रकाश वीर भी जदयू में जा रहे। इसलिए नवादा जिले में इस बार का चुनाव नए अंदाज में है।
परबत्ता में भी जदयू के लिए सीन
परबत्ता कई बार से जदयू की सीट रही है। वर्तमान विधायक डा. संजीव कुमार वहां से जदयू विधायक हैं। उनके पिता भी वहां से जीतते रहे हैं। डा. संजीव ने अब राजद का हाथ थाम लिया है। वह सिंबल भी ले चुके हैं। इसलिए परबत्ता सीट पर जदयू के लिए इस बार नया सीन दिखेगा। |