केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के \“\“एयर क्वाॅलिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम\“\“ ने जारी किया वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। ठंड की आहट के बीच दिल्ली- एनसीआर में वायु प्रदूषण ने भी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। लगभग सभी जगह एक्यूआई बढ़ने लगा है। जहां कहीं \“मध्यम\“ है, वहां भी यह \“खराब\“ श्रेणी में पहुंचने वाला है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हवा की दिशा उत्तर पश्चिमी हो जाने और न्यूनतम पारे में गिरावट का असर भी साफ नजर आ रहा है। दीवाली से पहले ही दिल्ली एनसीआर की वायु गुणवत्ता रेड जोन में पहुंचने के स्पष्ट संकेत सामने आ गए हैं।
सोमवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 189 यानी \“मध्यम\“ श्रेणी में रहा, लेकिन 10 इलाकों का एक्यूआई 200 से ऊपर \“खराब\“ श्रेणी में जा पहुंचा। आनंद विहार में तो यह 300 से भी ऊपर \“बहुत खराब\“ श्रेणी में दर्ज किया गया।
सीपीसीबी की ओर से जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार एनसीआर के शहरों में भी सोमवार को फरीदाबाद का एयर इंडेक्स 117, गाजियाबाद का इंडेक्स 204, ग्रेटर नोएडा का 180, गुरुग्राम का 191 और नोएडा का एयर इंडेक्स 198 दर्ज किया गया। गाजियाबाद का एक्यूआई \“खराब\“ श्रेणी में पहुंच चुका है जबकि बाकी जगह भी इसी श्रेणी में पहुंचने काे अग्रसर है।
सीएक्यूएम सूत्रों के मुताबिक ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) की उप समिति अगले एक दो दिन में ही बैठक कर सकती है। इस बैठक में ग्रेप का पहला चरण लागू करने की घोषणा की जा सकती है। इसके तहत स्थानीय निकायों को धूल की रोकथाम के लिए नियमित रूप से कूडा उठाने, सड़कों की नियमित रूप से मशीन से सफाई करने और पानी का छिड़काव करने का निर्देश दिया जाएगा।
बुधवार से हवा हो जाएगी \“खराब\“
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के \“एयर क्वाॅलिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम\“ द्वारा सोमवार को जारी किए गए वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान के मुताबिक मंगलवार को भी हवा \“मध्यम\“ श्रेणी में रह सकती है। लेकिन बुधवार को इसके \“खराब\“ श्रेणी में पहुंचने के संकेत हैं।
बुधवार के बाद छह दिन इसके \“खराब\“ से \“बहुत खराब\“ श्रेणी में रहने के आसार हैं। इसी बीच दीवाली का त्योहार है। संकेत है कि दीवाली से पहले ही एक्यूआई 300 से ऊपर \“बहुत खराब\“ श्रेणी में पहुंच सकता है।
इसके पीछे न्यूनतम तापमान में कमी बने रहने के साथ-साथ हवा की रफ्तार कम होना भी है। पूर्वानुमान बताता है कि बुधवार को दिल्ली में सतही हवा की गति उत्तर-पश्चिम दिशाओं से 12 किमी प्रति घंटे तक रहेगी। बृहस्पतिवार से घटकर आठ किमी प्रति घंटा होगी जबकि फिर अगले कई आठ से 12 किमी प्रति घंटा रहेगी। ऐसे में प्रदूषक तत्वों का बहाव मुश्किल हो जाएगा।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
सेंटर फार साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की कार्यकारी निदेशक अनुमिता राय चौधरी कहती हैं, हम एक बार फिर प्रदूषण के बढ़ते स्तर में प्रवेश कर रहे हैं जहां स्थिति चरण दर चरण और खराब हो सकती है।
उन्होंने कहा कि इस सर्दी में प्रदूषण नियंत्रण कितना गंभीर होगा, यह देखना बाकी है। लेकिन वायु गुणवत्ता में लगातार सुधार के लिए हमें बहुत मजबूत निवारक उपायों और स्रोत-वार प्रणालीगत कार्रवाई की आवश्यकता है।
वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की वायु प्रयोगशाला के पूर्व प्रमुख दीपांकर साहा ने कहा कि वर्षा का मौसम खत्म होने के बाद, जो आमतौर पर अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह तक होता है, मौसम की स्थिति बिगड़ने लगती है।
उन्होंने कहा कि इस चरण के दौरान पूरे इंडो-गैंगेटिक मैदान में वायु गुणवत्ता खराब से बहुत खराब श्रेणी में रहने लगती है, जो दिल्ली-एनसीआर में बहुत अधिक देखने को मिलती है। ऐसा जमीन के स्तर पर उत्सर्जन का फैलाव न होने के कारण होता है।
ग्रेप के पहले चरण की पाबंदियां
- अपनी समयावधि पूरी कर चुके डीजल और पेट्रोल वाहनों के खिलाफ चलाया जाएगा अभियान।
- कचरा जलाने (बायोमास बर्निंग) पर अभियान चलाकर कार्रवाई।
- भोजनालयों, रेस्तरां और होटलों में कोयले और लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का भी आदेश।
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