दीवाली से पहले किस मुहूर्त में करें खरीदारी?  
 
  
 
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दीवाली मनाई जाती है। इस बार 20 अक्टूबर को दीपों का त्योहार दीवाली मनाया जाएगा। यह पर्व देशभर में उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने से धन में अपार वृद्धि होती है। साथ ही जीवन के सभी दुख दूर होते हैं। इसके अलावा, भगवान गणेश की कृपा से सभी बिगड़े काम पूरे होते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
ज्योतिषि गणना के अनुसार, इस बार दीवाली से पहले 2 दिन पुष्य नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है। इस योग में किसी कारोबार को शुरू करना और सोना एवं वाहन की खरीदारी करना शुभ माना जाता है।  
 
ऐसा कहा जाता है कि इस योग के दौरान खरीदारी करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। बता दें, मंगल पुष्य योग बनने से धन में वृद्धि होती है और बुध पुष्य से कामों में सफतला मिलती है। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं इन योग के बारे में।  
 
    
इतने बजे से शुरू पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra Date and Time 2025)  
 
 
पुष्य नक्षत्र की शुरुआत- 14 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 53 मिनट तक  
पुष्य नक्षत्र का समापन- 15 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे तक  
पुष्य नक्षत्र में खरीदारी के शुभ मुहूर्त (Pushya Nakshatra Shopping Shubh Muhurat)  
 
(14 अक्टूबर को शुभ समय) 
सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 01 बजकर 33 मिनट तक 
दोपहर 03 बजे से शाम 04 बजकर 26 मिनट तक 
शाम 07 बजकर 26 मिनट से रात 09 बजे तक 
(15 अक्टूबर को शुभ समय) 
दोपहर 12 बजे तक...  
 
    
 
(Pic Credit- Freepik)  
काम में होती है वृद्धि  
 
 
ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को बेहद शुभ माना गया है। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि हैं। इस योग में किसी नए काम की शुरुआत करना फलदायी होता है और काम में अपार होती है।  
इन चीजों को खरीदना होता है शुभ  
 
 
खेती से जुड़ी चीजें, गैजेट, पढ़ाई से जुड़े सामान, फ्रिज, एसी, वाहन, घर, सोना और चांदी आदि।  
 
पुष्य नक्षत्र में सोना, चांदी और वाहन को खरीदना शुभ माना जाता है। इससे धन की देवी की कृपा प्राप्त होती है और धन में वृद्धि होती है। इसके अलावा इस योग को निवेश करने के लिए शुभ माना जाता जाता है। पुष्य नक्षत्र में श्रीहरि और मां लक्ष्मी की पूजा करने का भी विशेष महत्व है।  
 
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