जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। महिला की मीठी-मीठी बातों में रामपुर के भोट थाना प्रभारी अर्जुन सिंह त्यागी फंस गए। धीरे-धीरे उसे चार लाख रुपये भी दे बैठे। रुपये देना बंद कर दिया, तब उसने ब्लैकमेल करना शुरू किया। तब पता चला कि वह हनीट्रैप का शिकार हो गए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
कार्रवाई के लिए सिविल लाइंस थाने में शिकायती पत्र दिया। हैरानी यह कि खाकी वाले की ही सुनवाई ना हुई। तब वह कोर्ट की शरण में पहुंचे। कोर्ट के आदेश पर मेरठ के शिव शक्तिनगर निवासी आरोपित महिला निशा सैनी के विरुद्ध रंगदारी वसूलने व धमकी की धारा में प्राथमिकी दर्ज की गई है।  
 
रामपुर के भोट थाना प्रभारी अर्जुन सिंह त्यागी साल 2022 में चौकी प्रभारी बुधबाजार थे। उसी दौरान फेसबुक के जरिये निशा सैनी नाम की महिला से दोस्ती हुई। महिला ने बताया कि वह मेरठ की रहने वाली है और किसी रेलकर्मी से नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी का शिकार हुई है। पैसे वापस दिलाने को लेकर मदद मांगी।  
 
वर्ष 2023 में दारोगा का स्थानांतरण थाना छजलैट हो गया। उसी दौरान महिला ने नए नंबर से फोन कर पारिवारिक विवाद में मदद मांगनी शुरू कर दी। दारोगा ने बताया कि मेरठ में प्लाट खरीदने के सिलसिले में वह अपने मित्र के साथ गए है तो महिला ने उन्हें प्लाट दिखाने और खरीद में मदद करने की बात कही।  
 
मुलाकातों के दौरान महिला ने बताया कि वह अकेली रहती है। परिवार उसका साथ नहीं देता और उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। कुछ समय बाद उसने पैसे की मांग शुरू कर दी। पैसे देने से इन्कार किया तो महिला ने धमकी दी कि अगर रकम नहीं दी तो वह झूठे आरोप लगाकर उसकी नौकरी खत्म करवा देगी।  
 
डर के चलते धीरे-धीरे करके चार लाख रुपये दे दिये। फिर महिला ने अलग-अलग नंबरों से काल कर पैसे मांगने शुरू कर दिए। तब उसके बारे में जानकारी जुटाई। पता चला कि महिला कई पुलिसकर्मियों को इसी तरह जाल में फंसा चुकी है। उसके विरुद्ध दिल्ली और मेरठ के विभिन्न थानों में रंगदारी और आइटी एक्ट के मुकदमे दर्ज हैं। इंस्पेक्टर मनीष सक्सेना ने बताया कि शिकायती पत्र के आधार पर निशा सैनी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है। |