पीलीभीत रोड पर तेज बारिश का आंनद लेतीं युवतियां।- जागरण  
 
  
 
  
 
जागरण संवाददाता, बरेली। मौसम इन दिनों तेजी से बदल रहा है। शहर में सोमवार शाम चार बजे से मौसम का मिजाज एकाएक बदला। तेज हवा चलने लगी। आमसान में घने काले बादल छा गए। इससे झमाझम वर्षा के आसार बने, लेकिन यह बादल शहर के कुछ हिस्सों में बरसे, जबकि सिविल लाइंस, कैंट, कचहरी रोड व सुभाष नगर क्षेत्र में वर्षा नहीं हुई। वहीं, दूसरी तरफ नैनीताल रोड, स्टेडियम रोड और सौ फुटा रोड पर झमाझम वर्षा हुई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
  
 
 पीलीभीत रोड पर भी बूंदाबांदी हुई। इन सबसे इतर शहर के साहूकारा मुहल्ले में ओलावृष्टि भी हुई। इसके साथ ही ठंडी हवा भी चली, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई, जिसने लोगों को उसम भरी गर्मी से राहत दिलाई।   
 
 मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को भी हल्की वर्षा होने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को शहर का अधिकतम तापमान 32.8 और न्यूनतम 23.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शहर में सुबह तेज धूप निकली। हालांकि, आसमान में बादल भी छाए हुए थे। दोपहर से मौसम का मिजाज बदलना शुरू हुआ, जो कि शाम चार बजे पूरी तरह बदल गया। देखते ही देखते आसमान में घने काले बादल छा गए और तेज ठंडी हवा चलने लगी।   
 
  
 
 फिर मौसम विभाग की पूर्वानुमान के अनुसार शहर के कुछ हिस्सों में तेज और कुछ जगह बूंदाबांदी होने लगी। एकाएक तेज वर्षा होने से स्टेडियम रोड, नैनीताल और सौ फुटा रोड से गुजर रहे राहगीरों को परेशानी हुई, जब तक वह सुरक्षित स्थान ढूंढते, तब तक वर्षा में काफी हद तक भीग चुके थे। वहीं, बदायूं रोड पर बूंदाबांदी हुई। सिविल लाइंस स्थित बलवंत सिंह मार्ग पर धूल भरी हवाएं चलीं। पार्क और टी-प्वाइंट गुलजार नजर आए।   
 
  
 ऐसे करें ओलावृष्टि से बचाव   
 
 आंचलिक मौसम केंद्र के विज्ञानी अतुल कुमार सिंह ने बताया, मंगलवार को बादल छाए रहेंगे। कुछ स्थानों पर वर्षा या गरज संग छींटे पड़ने के आसार हैं। इसके बाद वर्षा कम होती रहेगी। तेज हवाओं, ओलावृष्टि से बागानों, बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है। ओलों से होने वाली क्षति को रोकने के लिए फलों के बाग, सब्जियों की फसलों में ओलावृष्टि जाल या ओलावृष्टि टोपी का प्रयोग करें।   
 
  
 
 तेज हवाओं से फसलों को गिरने से बचने के लिए बागवानी फसलों को यांत्रिक सहारा दें। वहीं, कटी हुई फसल को खेत में ऊंचे स्थान पर रखकर पालीथिन से ढकें। सिंचाई का कार्य स्थगित रखें। खड़ी फसल में कीटनाशक व रोगनाशी का छिड़काव नहीं करें। अत्याधिक वर्षा के जल को खेत से बाहर निकालें, जिससे फसल को बर्बाद होने से बचाया जा सके।   
 
  
 
यह भी पढ़ें- ग्रेटर बरेली में 200 आवासीय और व्यावसायिक भूखंडों की नीलामी करेगा BDA, धनतेरस-दिवाली पर मांगा आवेदन |