पीएम के बाद अब बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर आएंगे अमित शाह (फोटो- एक्स)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में कुछ माह बाद होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। राज्य में सत्ता परिवर्तन के लक्ष्य के साथ पार्टी के शीर्ष नेताओं के दौरों का सिलसिला अब तेज होने जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शनिवार को नदिया जिले के ताहेरपुर (राणाघाट) में जनसभा के बाद अब साल के अंत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे।
प्रदेश भाजपा के सूत्रों के अनुसार, अगर सबकुछ ठीक रहा तो गृह मंत्री 29 और 30 दिसंबर को कोलकाता के दौरे पर रहेंगे। बताया गया कि इस दौरे में शाह राज्य के भाजपा नेताओं के साथ सांगठनिक बैठकें कर चुनावी तैयारियों, विशेषकर बूथ स्तर की मजबूती और संगठनात्मक समन्वय की समीक्षा करेंगे।
वहीं, नए साल के पहले सप्ताह में प्रधानमंत्री का अगला पड़ाव उत्तर बंगाल होगा। शनिवार को लेकर पीएम इस साल अब तक पांच बार बंगाल के दौरे पर आ चुके हैं।
उत्तर बंगाल से संघ प्रमुख मोहन भागवत दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे कोलकाता
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत उत्तर बंगाल के प्रवास के बाद दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को कोलकाता पहुंचे हैं। यह भी एक संयोग ही था कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तो दूसरी ओर संघ प्रमुख एक ही दिन कोलकाता में थे।
सूत्रों के अनुसार शनिवार को मोहन भागवत ने कोलकाता में संघ के विभिन्न अनुषांगिक संगठनों और पदाधिकारियों के साथ आंतरिक और संगठनात्मक बैठक की, जिसमें बंगाल में संघ के कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ सांगठनिक मजबूती पर चर्चा की गई। इसके बाद उन्होंने कोलकाता के प्रबुद्ध वर्ग और समाज के विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोगों से भी मिले।
रविवार को उनका प्रमुख कार्यक्रम है। कोलकाता के साइंस सिटी आडिटोरियम में संघ के 100वें वर्ष (शताब्दी वर्ष) के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों में वे भाग लगें। खबर है कि रविवार को वे साइंस सिटी में दो सत्रों को संबोधित करेंगे।
उनका पहला संबोधन संघ की 100 वर्षों की यात्रा और \“व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण\“ पर केंद्रित होगा। दूसरा संबोधन एक \“एकजुट हिंदू समाज\“ और \“वैभवशाली भारत\“ के भविष्य के लक्ष्य पर होगा।
वे कार्यक्रम के दौरान कोलकाता के प्रबुद्ध वर्ग के साथ भी चर्चा करेंगे। बताते चलें कि यह आयोजन आरएसएस के शताब्दी वर्ष (100वें वर्ष) के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। |