LHC0088 • 2025-12-4 22:09:32 • views 340
जागरण संवाददाता, चंदौसी। लोकमान्य तिलक टर्मिनल और इंदौर जाने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर। अब बरेली–लोकमान्य तिलक टर्मिनल एक्सप्रेस और बरेली–इंदौर एक्सप्रेस में पुराने आइसीएफ कोचों की जगह आधुनिक और सुरक्षित एलएचबी कोच लगाए जाएंगे। रेलवे बोर्ड के निर्देश पर मुरादाबाद मंडल में इस बदलाव की तैयारी शुरू कर दी गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
स्टेशन अधीक्षक राजू कुमार ने बताया कि फरवरी 2026 से इन ट्रेनों में एलएचबी कोचों का संचालन शुरू हो जाएगा। बरेली–लोकमान्य तिलक टर्मिनल एक्सप्रेस 14 फरवरी को बरेली से और 16 फरवरी को लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) से एलएचबी रेक के साथ चलेगी। वहीं बरेली–इंदौर एक्सप्रेस 18 फरवरी को बरेली से और 19 फरवरी को इंदौर से एलएचबी कोचों के साथ अपनी यात्रा शुरू करेगी। एलएचबी कोचों को रेलवे सबसे सुरक्षित माना जाता है।
ये तेज रफ्तार में भी ज्यादा नहीं झटके देते और किसी दुर्घटना की स्थिति में इनके पलटने की संभावना बेहद कम होती है। इससे यात्रियों की सुरक्षा बढ़ती है और सफर भी ज्यादा आरामदायक हो जाता है। नई रेक में कुल 17 एलएचबी कोच होंगे, जिनमें आधुनिक सुविधाओं से युक्त कई कोच शामिल किए जा रहे हैं।
यह है दोनों कोचों में अंतर
आइसीएफ और एलएचबी कोचों में कई महत्वपूर्ण अंतर हैं, जिनकी वजह से रेलवे अब नई तकनीक वाले एलएचबी कोचों को तेजी से अपना रहा है। आइसीएफ कोच पुराने माडल हैं, जिनमें तेज रफ्तार पर ज्यादा झटके लगते हैं और दुर्घटना की स्थिति में इनके एक-दूसरे पर चढ़ जाने की संभावना रहती है।
इनकी सुरक्षित गति भी लगभग 110 किमी प्रति घंटा तक ही मानी जाती है। दूसरी ओर, एलएचबी कोच जर्मन तकनीक से बने होते हैं और काफी सुरक्षित माने जाते हैं। तेज रफ्तार में भी इनमें झटके कम लगते हैं और दुर्घटना होने पर इनके पलटने की संभावना बहुत कम रहती है। ये कोच हल्के, मजबूत और स्थिर होते हैं तथा 160-180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक सुरक्षित चल सकते हैं। बेहतर सस्पेंशन और आधुनिक ब्रेकिंग सिस्टम के कारण इन कोचों में यात्रा अधिक आरामदायक होती है। |
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