जागरण संवाददाता, पटना। प्रदेश में धीरे-धीरे ठंड बढ़ रही है। सुबह के समय पटना सहित सभी जिलों में कोहरे का प्रभाव बना हुआ है। दिन में धूप निकलने से लोगों को राहत मिल रही है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, दो से तीन दिनों के दौरान (bihar weather forecast) न्यूनतम तापमान में दो से चार डिग्री गिरावट आने के साथ रात के समय ठंड में वृद्धि की संभावना है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शनिवार को पटना सहित 21 शहरों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। पटना के अधिकतम तापमान में 1.6 डिग्री गिरावट के साथ 27.1 डिग्री सेल्सियस एवं 30.4 डिग्री सेल्सियस के साथ फारबिसगंज अररिया में सर्वाधिक तापमान दर्ज किया गया।
पूर्णिया में (Purnia Weather News) दूसरे दिन भी सबसे कम दृश्यता आठ सौ मीटर दर्ज की गई। शनिवार को पटना एवं आसपास इलाकों में सुबह के समय हल्का कोहरा एवं तराई वाले भागों में घना कोहरा का प्रभाव बना रहा। दिन में धूप निकलने से लोगों को ठंड से राहत मिली।
प्रमुख शहरों का तापमान
शहर अधिकतम (डिग्री सेल्सियस) न्यूनतम (डिग्री सेल्सियस)
पटना
27.1
18.2
गया
27.4
13.2
भागलपुर
28.1
15.9
मुजफ्फरपुर
26.0
18.2
ठंड के मौसम में जुकाम को न करें नजरअंदाज
शाम ढलते ही ठंड का असर तेज होना अब लोगोंं की सेहत पर भारी पड़ने लगा है। शाम को ठंड और दिन में गुनगुनी धूप से वायरस और बैक्टीरिया जनित रोगों का प्रकोप भी बढ़ने लगा है।
मौसम में बदलाव के साथ ही बच्चे से लेकर जवान और बुजुर्ग जुकाम से पीड़ित होने लगे हैं। यह मौसम बैक्टीरिया और वायरस जनित रोगों के लिए अनुकूल होता है, ऐसे में जुकाम को नजरअंदाज करना स्वास्थ्य के लिए भारी भी पड़ सकता है।
खास कर बच्चे निमोनिया के शिकार हो सकते हैं और दमा पीड़ितों की तकलीफें बढ़ सकती है। इस संबंध में चिकित्सक डा. कौशर जावेद बताते हैं कि मौसम में बदलाव के समय वातावरण में प्रदूषण कुछ अधिक होता है। इससे अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है।
इस मौसम में सांस के रोगियों की तकलीफ बढ़ जाती है। बीमारी के वायरस सांस के माध्यम से शरीर में पहुंच जाते है। सांस की नलियां सिकुड़ जाती है। उन्होंने बताया कि इस मौसम में बच्चों में ब्रोंकियोलाइटिसऔर बड़ों में ब्रोंकाइटिस होती है। इन दिनों छोटे बच्चों पर खास ध्यान देना जरूरी है। साथ ही जुकाम होने की स्थिति में बेहतर इलाज कराना चाहिए।
क्या है बचाव के उपाय?
- ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक बिल्कुल बंद कर दें।
- गरम पेय पदार्थों का सेवन करें।
- तड़के ठंड में बाहर निकलने से बचें। धूप निकलने तक इंतजार करें।
- तली, भुनी चीजों का इस्तेमाल न करें। मीठी चीजों का सेवन तकलीफ बढ़ा सकता है।
- इलाज नहीं होने पर बच्चों को निमोनिया हो सकता है।
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