ढिकोली गांव के प्राथमिक विद्यालय में हंगामे के दौरान प्रधानाचार्य व ग्रामीणों को समझाते पुलिसकर्मी। (फाइल फोटो)
संवाद सूत्र, जागरण. चांदीनगर (बागपत)। ढिकौली के प्राइमरी विद्यालय में सहपाठी तीन बच्चों को पानी की बोतल में पेशाब मिलाकर पिलाने का मामला तूल पकड़ रहा है। मुस्लिम बच्चों ने विद्यालय जाना बंद कर दिया है। उनके अभिभावकों ने स्पष्ट कहा कि जब तक प्रधानाध्यापक और एक महिला अध्यापक का विद्यालय से दूसरी जगह तबादला नहीं होगा, तब तक बच्चों को विद्यालय नहीं भेजेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गांव ढिकौली के प्राइमरी विद्यालय नंबर दो में 14 नवंबर को सहपाठी तीन बच्चों को मुस्लिम तीन बच्चों ने पानी की बोतल में पेशाब कर पिला दिया था। घटना के विरोध में बच्चों के स्वजन व ग्रामीणों ने स्कूल में हंगामा किया था। आरोपित एक बच्चे ने स्वीकार किया था कि पिता के मोबाइल में यू-ट्यूब पर वीडियो देखकर यह घटना की है। उसने मोबाइल में वीडियो चालू करके दिखाया था। प्रधानाध्यापक युद्धवीर सिंह ने एक बच्चे के पिता जावल हुसैन के खिलाफ चांदीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
साथ ही बजरंग दल व अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विद्यालय में प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस ने दो बच्चों के पिता जावल व सरफराज को गिरफ्तार कर कार्रवाई की थी। सुरक्षा की दृष्टि से गांव में अभी पुलिस तैनात है। घटना के एक सप्ताह बाद भी मुस्लिम बच्चे विद्यालय नहीं पहुंच रहे हैं। विद्यालय में बच्चों की कुल संख्या 78 है, जिनमें से 18-20 बच्चे ही विद्यालय पहुंच रहे हैं। सिर्फ एक मुस्लिम बच्चा कभी-कभी स्कूल आता है।
शुक्रवार को हलका इंचार्ज एसआइ कृष्णबीर सिंह ने अभिभावकों से बात कर बच्चों को विद्यालय भेजने का आग्रह किया। अभिभावक निजामुद्दीन, जहीर, महबूब, आशु, जावल हुसैन, साबिर आदि ने स्पष्ट कहा कि जब तक प्रधानाध्यापक और एक महिला अध्यापक का विद्यालय से तबादला नहीं होगा, तब तक अपने बच्चों को विद्यालय नहीं भेजेंगे। उधर, चांदीनगर थाना प्रभारी अतर सिंह का कहना है कि बच्चों को विद्यालय भेजने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, प्रधानाध्यापक का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं, वे स्वयं बच्चों के अभिभावकों से संपर्क कर बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए बोल रहे हैं। शीघ्र ही विद्यालय में बच्चों की संख्या पूरी हो जाएगी। एसडीएम अमरचंद वर्मा का कहना है कि टीम भेजकर सभी बच्चों को विद्यालय लाया जाएगा। |