संवाद सूत्र, लखीमपुर। सिंगाही निवासी मोहम्मद सुहैल के गुजरात में पकड़े जाने के बाद खीरी जिला एक बार फिर आतंकवाद को लेकर सुर्खियां में हैं। आठ साल पहले भी खालिस्तानी आतंकवाद को लेकर खुफिया एंजेंसियों की जिले में हलचढ़ बढ़ी थी तो इस बार मुस्लिम आतंकवाद को लेकर। गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते के मुताबिक, पकड़े गए आरोपित देश में हथियारों और घातक रसायनों से एक बड़ा हमला करने की साजिश रच रहे थे। इस मामले से एक बार फिर जिला खुफिया एजेंसियों के रडार पर आ गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बता दें कि 18 सितंबर 2017 को खालिस्तानी आंतक का जिले से कनेक्शन उस समय सामने आया, जब यूपी एटीएस और पंजाब पुलिस टीम ने जिले से प्रतिबंध आतंकी संगठन बब्बर खालसा के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया था। यह दोनों हरप्रीत उर्फ टोनी और सतनाम सिंह जनपद के निवासी थे।
दरअसल पंजाब की नाभा जेल से 27 नवंबर 2016 को दो आतंकी और चार गैंगस्टर को फरार कराया गया था। इस मामले में जिले के हरप्रीत उर्फ टोनी व सतनाम सिंह के खिलाफ पंजाब प्रांत के जिला भगतसिंह नगर की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इन पर आरोप था कि इन्होंने जेल से भागने वाले आतंकियों को असलहा आदि की मदद मुहैया कराई थी।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया था कि यह दोनों लोग लंबे समय से यूपी के तराई इलाके से लेकर पंजाब तक बब्बर खालसा के स्लीपिंग मॉड्यूल के रूप में काम कर रहे थे। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद जिले में कई साल तक मामला शांत रहा, लेकिन रविवार को सिंगाही निवासी मोहम्मद सुहैल को गुजरात एटीएस के गिरफ्तार करने से जिले में मुस्लिम आतंकवाद का कनेक्शन सामने आया है।
इससे एक बार फिर जिला सुर्खियों में हैं। इसके पकड़े जाने से भारत-नेपाल सीमा पर बसे जिले को लेकर खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। |