cy520520 • 2025-11-27 00:07:40 • views 506
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।
राज्य ब्यूरो, पटना। बुधवार को खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग और सहकारिता विभाग की बैठक में धान की खरीद, राइस मिलों की मिलिंग क्षमता की जांच और पैक्सों को धान अधिप्राप्ति हेतु सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाने वाली राशि (कैश क्रेडिट) को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
खासकर, पैक्सों की यह मांग कि धान अधिप्राप्ति हेतु दो महीने की अवधि के स्थान पर छह महीने तक की ब्याज-मुक्त की सुविधा दी जाए।
इस संबंध में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह ने पैक्सों को आश्वासन दिया कि विभाग इस प्रस्ताव पर सकारात्मक विचार करते हुए आवश्यक निर्णय शीघ्र लेगा, जिससे पैक्सों पर आर्थिक दबाव कम हो सके।
उन्होंने पैक्सों के प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दों को गंभीरता से समाधान करने का आवश्यक निर्देश अधिकारियों को दिया।
बैठक में पैक्सों ने राइस मिलों की वास्तविक क्षमता की जांच कराने तथा लंबित भुगतान का शीघ्र निष्पादन करने की मांग रखी। इस पर मंत्री लेशी सिंह ने कहा कि इन मांगों पर शीघ्र ही अमल होगा।
उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया कि पैक्सों को बकाया राशि का भुगतान में किसी प्रकार की देरी स्वीकार्य नहीं है और सभी लंबित भुगतान निर्धारित अवधि में पूरा किया जाए।
बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ. प्रमोद कुमार, खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार और सहकारिता सचिव धर्मेन्द्र सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
वहीं बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम के महाप्रबंधक (अधिप्राप्ति) रमेन्द्र कुमार ने धान खरीद की वर्तमान स्थिति, चावल की गुणवत्ता और साधारण चावल को फोर्टिफाइड चावल में परिवर्तित करने की संपूर्ण प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। |
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