संवाद सहयोगी, ब्रजघाट (हापुड़)। तीर्थ नगरी ब्रजघाट में गरीब एवं असहाय लोग खुले आसमान के नीचे जमीन पर सो रहे थे। लोगों की समस्या को देखते दैनिक जागरण द्वारा खबर को प्रकाशित किया गया तो चंद घंटों के अंदर ही रैन बसेरों में व्यवस्था शुरू हो गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दैनिक जागरण द्वारा बृहस्पतिवार के अंक में सर्दी ने दी दस्तक, रैन बसेरों में नहीं कोई व्यवस्था नामक शीर्षक से फोटो सहित खबर प्रकाशित की गई थी। इसमें बताया गया था कि तीर्थ नगरी ब्रजघाट में सैकड़ों की संख्या में निराश्रित लोग भिक्षावृति अथवा पूजा पाठ कराकर अपना जीवन यापन करते है। यह ऐसे लोग है, जिनकों अपनों ने ठुकरा दिया है और इनके सिर में छत्त एवं दो वक्त की रोटी का प्रबंध नहीं है।
यह लोग दिनभर भिक्षावृति करने के बाद रात को गंगा तट पर बेच, घाट अथवा तीर्थ नगरी में दुकानों के आगे, सड़क आदि पर सो जाते हैं। सर्दी के मौसम में इनके सामने स्वस्थ्य रहना मुश्किल भरा कार्य होता है।
इस तरह की समस्या को लेकर दैनिक जागरण द्वारा बुधवार की रात्रि लाइव पड़ताल की गई थी। बृहस्पतिवार के अंक में खबर प्रकाशित होने के चंद घंटाें के अंदर रैन बसेरे में पलंग एवं रजाई गद्दे आदि डालकर निराश्रित लोगों के लिए सुविधा तैयार कर दी गई है।
इनकी देखभाल के लिए वहां कर्मचारी भी तैनात कर दिया गया है। इस तरह की सुविधा होने के बाद यहां रहने वाले निराश्रित लोगों ने दैनिक जागरण को धन्यवाद दिया है। |