मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सात नवंबर को एफआइआर दर्ज करने का दिया है आदेश
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बेटे की गलत तरीके से प्रवेश दिलाने के मामले में हटाए गए एम्स गोरखपुर व एम्स पटना के पूर्व कार्यकारी निदेशक (ईडी) डाॅ. जीके पाल के खिलाफ एम्स पुलिस ने एफआइआर नहीं दर्ज की है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट त्विषि श्रीवास्तव ने सात नवंबर को डा. जीके पाल और उनके बेटे डा. ओरोप्रकाश पाल के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के लिए एम्स थाना पुलिस को आदेश दिया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
डाॅ. पाल ने बेटे का अन्य पिछड़ा वर्ग नान क्रीमीलेयर का फर्जी प्रमाणपत्र बनवाया था। इसके आधार पर बेटे का एम्स गोरखपुर के माइक्रोबायोलाजी विभाग में एमडी सीट पर प्रवेश कराया था। एम्स थाने के थानाध्यक्ष संजय मिश्र ने कहा कि कोर्ट का आदेश मिल गया है। अभी एफआइआर दर्ज नहीं हुई है। मामले की जांच कराई जा रही है।
यह हुई थी शिकायत
कैंट थाना क्षेत्र के दिव्यनगर के आशुतोष कुमार मिश्र ने दायर वाद में बताया था कि तीन जनवरी 2024 से 27 सितंबर 2024 तक एम्स गोरखपुर के ईडी रहे डा. जीके पाल ने 30 अगस्त 2024 को बेटे डा. ओरोप्रकाश पाल का एमडी सीट पर प्रवेश कराया था। उस समय उन्होंने बेटे को अन्य पिछड़ा वर्ग नान क्रीमीलेयर का प्रमाणपत्र बनवाया था।
इसके आधार पर प्रवेश हुआ था। जबकि डा. जीके पाल व उनकी पत्नी पार्वती पाल की सालाना सैलरी 80 लाख रुपये से ज्यादा थी। मामला स्वास्थ्य मंत्रालय पहुंचा तो डा. पाल को एम्स गोरखपुर से हटा दिया गया। बाद में उनको एम्स पटना से भी हटा दिया गया। वह वर्तमान में जिपमेर पुड्डुचेरी में तैनात हैं। |