चुनाव प्रचार के दौरान एनडीए नेताओं की सक्रियता अधिक दिखी। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जिले में एनडीए को मिले प्रचंड बहुमत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके नेताओं और मंत्रियों ने सौ से अधिक जनसभा और रोड शो किया। जबकि महागठबंधन मात्र दो दर्जन सभाओं पर ही सिमट कर रह गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
चुनाव की घोषणा होने के बाद 15 दिनों तक प्रचार अभियान चलाने का समय मिला था। इसमें दो दिन छठ महापर्व और दो दिन बारिश के कारण बर्बाद हो गए। इसके बावजूद भी एनडीए के नेताओं ने ताबड़तोड़ रैली, जनसभा और रोड शो कर अपने उम्मीदवारों के लिए समर्थन मांगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीनापुर, कांटी और गायघाट में जनसभा की तो सरैया में रोड शो भी किया। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान लोजपा (रा) की उम्मीदवार बेबी कुमारी के समर्थन में बोचहां में दो बार पहुंचे। पहली बार जनसभा और दूसरी बार उन्होंने रोड शो किया।
इसके अलावा जदयू की ओर से केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कांटी, गायघाट, औराई, पारू और साहेबगंज में सभाएं की। उनके साथ जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष एवं मंत्री संजय झा और मंत्री अशोक चौधरी भी थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोतीपुर में जनसभा की। यहां से उन्होंने मुजफ्फरपुर और पूर्वी चंपारण की 14 विधानसभा सीटों को एकसाथ साधा। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता के साथ कई राज्यों के सीएम, डिप्टी सीएम, मंत्री और सांसदों ने सौ से अधिक सभाएं की।
साहेबगंज में भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने रोड शो किया था। जबकि महागठबंधन से एक बार नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी में सकरा में तेजस्वी यादव के साथ प्रचार करने पहुंचे थे। इसके बाद तेजस्वी और मुकेश सहनी कुछ सीटों पर साथ पहुंचे फिर तेजस्वी अकेले ही राजद उम्मीदवारों के समर्थन में सभाएं की। |