दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिल्ली पुलिस, एमसीडी और ट्रैफिक पुलिस ने मिलकर काम करने का निर्णय लिया है।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। राजधानी में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। लोगों को सांस लेना मुश्किल हो रहा है। यमुनापार क्षेत्र का आनंद विहार प्रदूषण का एक बड़ा केंद्र है। इस केंद्र में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए शाहदरा दक्षिणी जोन ने विंटर एक्शन प्लान लागू किया है और 78 विशेष टीमों का गठन किया है। ये टीमें तीन शिफ्टों में काम करेंगी और प्रत्येक टीम में 350 कर्मचारी तैनात किए गए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस टीम में दिल्ली पुलिस, नगर निगम, यातायात पुलिस, परिवहन और अन्य विभागों के कर्मचारी शामिल हैं। शाहदरा दक्षिणी जोन के उपायुक्त बादल कुमार ने बताया कि ये टीमें सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक, दोपहर 2 बजे से रात 10 बजे तक और रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लगातार काम करेंगी। टीमों को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि वे अपने निर्धारित क्षेत्रों में अवैध पार्किंग, अतिक्रमण, सड़क किनारे मलबा और धूल के स्रोतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके निर्धारित मार्गों पर एंटी-स्मॉग गन और स्प्रिंकलर मशीनें नियमित रूप से चलती रहें।
टीम के अधिकारी और कर्मचारी पूरी ईमानदारी से अपने निर्धारित कर्तव्यों का पालन करें। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि कोई भी कर्मचारी अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतता पाया गया, तो उसके विरुद्ध तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। एमसीडी के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, अलाव जलाने वालों, कोयला भट्टियों का संचालन करने वालों और धूल उड़ाने वाले निर्माण कार्यों में शामिल लोगों पर भी नज़र रखी जाएगी। चालान काटने और मौके पर ही जुर्माना वसूलने के निर्देश दिए गए हैं।
सड़क पर बिखरा मलबा
यमुनापार में कई जगहों पर सड़कों पर अवैध रूप से मलबा फेंका जाता है। यह मलबा न केवल प्रदूषण बढ़ाता है, बल्कि सुरक्षित यातायात में भी बड़ी बाधा उत्पन्न करता है। दिल्ली में GRAP का तीसरा चरण लागू हो चुका है। शाहदरा दक्षिण क्षेत्र के नगर उपायुक्त बादल कुमार ने लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। उपायुक्त को पांडव नगर वार्ड में सड़क किनारे मलबा पड़ा मिला।
उन्होंने पहले ही सभी अधिकारियों को सड़कों पर मलबा न डालने का निर्देश दिया था, क्योंकि धूल का एक बड़ा स्रोत सड़कों पर मलबा डालना है। मलबा न हटाने पर उपायुक्त ने कनिष्ठ अभियंता का एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया। |