लखनऊ में पुलिस के छापे के दौरान जमा भीड़
जागरण संवाददाता, लखनऊ: दिल्ली के लाल किला के बाहर विस्फोट के साथ एटीएस की पड़ताल के फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद होने में लखनऊ का कनेक्शन सामने आने के बाद लखनऊ पुलिस भी अलर्ट मोड पर है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जहां एक तरफ डॉक्टर शाहीन शाहिद के कारण सुरक्षा एजेंसियों ने खंदारी बाजार और आसपास के इलाकों पर विशेष निगरानी शुरू कर दी है, वहीं दूसरी तरफ 18 ऐसे लोगों पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है, जिनका नाम कभी आतंक से जुड़े होने की बात सामने आई थी। उनका पूरा ब्योरा खंगाला जा रहा है, ताकि किसी और के हाथ मिलने पर हिरासत में लेकर पूछताछ की जा सके।
लखनऊ पुलिस ने पुराने आतंकियों और उनके नजदीकियों की जानकारी के लिए एटीएस और खुफिया एजेंसियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। ऐसे लोगों की सूची तैयार की गई है, जो किसी न किसी समय आतंकियों के संपर्क में रहे हों या जेल से छूटने के बाद लखनऊ में रह रहे हों। पुलिस इन सभी की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (जेसीपी) कानून एवं व्यवस्था बबलू कुमार की तरफ से अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है, जो इन संदिग्ध व्यक्तियों की पड़ताल करेंगी। इन टीमों को एटीएस और खुफिया विभाग से मिली सूचनाओं के आधार पर संभावित ठिकानों की पहचान कर तलाशी और निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है।
गौरतलब है कि बीते तीन-चार वर्षों में लखनऊ और उसके आसपास से कई संदिग्ध आतंकी पकड़े जा चुके हैं। ऐसे में एजेंसियां यह भी पता लगा रही हैं कि कहीं हाल ही में जेल से छूटे कुछ लोग फिर से सक्रिय तो नहीं हुए। इनकी पुरानी काल डिटेल्स, बैंकिंग लेनदेन और इंटरनेट मीडिया गतिविधियों की भी जांच की जा रही है। इसके साथ ही बार्डर के थानों को सूचित किया गया है कि शहर के अंदर आने वाले बाहरी संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी तुरंत साझा की जाए। यही नहीं, किसी नई गतिविधि पर भी नजर रखी जाए। खुफिया इकाइयां भी इस पर काम कर रही हैं।
18 में से अधिकांश पश्चिम जोन से जुड़े
आतंकी गतिविधियों से जुड़े जिन लोगों पर लखनऊ पुलिस जिनपर नजर रख रही है उनमें से अधिकांश पश्चिम जोन से जुड़े हैं। इसके लिए ठाकुरगंज और सआदतगंज पुलिस को जिम्मा सौंपा गया है। यह लोग उनके इलाके में जा-जाकर उनकी जानकारी एकत्रित करेंगे। वर्तमान में यह लोग किससे जुड़े हैं। उनकी ट्रैवेल हिस्ट्री खंगाली जाएगी। उसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
इन बिंदु पर कर रहे काम
वर्तमान में कहां रह रहे हैं, परिवार से कौन-कौन मिलने आता है। जेल से छूटने या विवाद खत्म होने के बाद से कहां घूमने गए हैं, पूरी ट्रैवेल हिस्ट्री। मोबाइल से किससे बात-चीत कर रहे हैं। पूरे परिवार की जानकारी हासिल की जा रही है। |