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परिहार भी पूर्णिया बनेगा? प्रमुख दलों के आधार मतों में बिखराव से उलझा गुणा-गणित

cy520520 2025-11-12 21:42:57 views 973

  

Parihar Chunav result: ये तीनों ही मुख्य मुकाबले में नजर आ रहे हैं। फाइल फोटो  



अनिल तिवारी, सीतामढ़ी। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 संपन्न होने के बाद अब बारी चुनाव परिणाम (Bihar vidhan sabha chunav Result) की है। प्रत्याशियों के साथ-साथ राजनीति में रुचि रखने वाले लोग अब वोटों के गुणा-गणित में उलझे हैं।

सीतामढ़ी में भी कुछ ऐसी ही स्थति है। लोगों की रुचि परिहार विधानसभा सीट के चुनाव परिणाम (Parihar vidhan sabha Election Result 2025) में अधिक है। वे यह जानना चाहते हैं कि क्या यथास्थिति रहेगी या फिर \“परिहार भी बनेगा पूर्णिया\“ कैंपने अपना प्रभाव दिखाएगा?

परिहार में बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत वोट डाले गए। चुनाव आयोग की ओर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार दूसरे चरण में मंगलवार को हुए मतदान में 67.21% लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
जहां तक परिहार का प्रश्न है तो वहां बनाए गए 371 मतदान केंद्रों पर 64.57% लोगों ने वोट डाले हैं। यहां कुल तीन लाख 24 हजार 577 मतदाता हैं। इसमें एक लाख 51 हजार 457 महिलाएं हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इस सीट पर कुल 9 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इसमें तीन महिलाएं हैं और पूरा चुनाव इन्हीं तीनों के आसपास केंद्रित रहा। गायत्री देवी, डॉ. स्मिता पूर्वे और रितु जायसवाल।


वर्तमान में इस सीट पर भाजपा यानी गायत्री देवी का कब्जा है। इतना ही नहीं, परिसीमन के बाद से जबसे यह सीट बनी है उस समय से इस पर भाजपा का ही कब्जा रहा है। इससे पहले यह सोनबरसा विधानभा सीट का हिस्सा थी।


गायत्री देवी से पहले उनके पति रामनरेश यादव विधायक हुआ करते थे। वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद ने इस सीट पर भाजपा के कब्जे को तोड़ने के लिए पूरी ताकत झोंकी थी। रितु जायसवाल को अपना उम्मीदवार बनाया, लेकिन उस समय भी अपेक्षित परिणाम नहीं आया था।

हालांकि इस बार स्थिति पूरी तरह से बदल गई है। तमाम प्रयास के बाद भी रितु को राजद ने परिहार से टिकट नहीं दिया। डॉ. स्मिता पूर्वे को मैदान में उतारा। इससे वह नाराज हो गईं और दल के निर्णय से बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने का फैसला लिया।

इसके साथ ही उन्होंने \“परिहार भी बनेगा पूर्णिया\“ कैंपेन लांच कर दिया था। यहां देखा जाए तो स्थिति पूरी तरह से उलट है। दलों के उसके आधार वोट खिसकने की वजह से अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा है।

चुनाव के ट्रेंड में यह देखने को मिला कि सभी प्रत्याशी ने दूसरे के बेस वोट में सेंधमारी की कोशिश की है। ऐसे में माना जा रहा है कि जिसने यह खेला बेहतर ढंग से खेला, वह इस बार परिहार का किंग बनेगा।


वैश्य वोटर को भाजपा का बेस वोट माना जाता है, किंतु परिहार में इसमें स्पष्ट रूप से बंटवारा देखने को मिला है। राजद की प्रत्याशी स्मिता और निर्दलीय रितु दोनों को इस समुदाय से होने का फायदा मिला है।


अब बात राजद के बेस वोट यानी मुसलमान और यादव की करते हैं। गायत्री देवी इसी समुदाय से आती हैं। इस वजह से उन्हें इस समाज का वोट भी मिलता नजर आया है। वहीं मुसलमान समाज के कुछ वोट राजद की जगह रितु को मिले हैं।


ऐसी स्थिति होने की वजह से किसी भी दल या प्रत्याशी की जीत या हार का आकलन सीधे तौर पर करना मुश्किल हो रहा है। भाजपा के साथ एक प्लस प्वाइंट सवर्ण मतदाता को लेकर है। वे यहां एकजुट नजर आए हैं।


बावजूद कोई एक्जिट पोल या अनुमान से यहां काम चलता नजर नहीं आ रहा है। 14 नवंबर 2025 का इंतजार करना ही बेहतर नजर आ रहा है।
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