शाहीन की फोटो।
जागरण संवाददाता, आगरा। दिल्ली धमाके से पहले फरीदाबाद में एके 47 और विस्फोटक सामग्री के साथ पकड़ी गई लखनऊ की डॉ. शाहीन का भाई डॉ. परवेज अंसारी चार वर्ष तक एसएन मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में रहा था। उसने यहां से एमडी करने के बाद एक वर्ष तक एसएन मेडिकल कॉलेज में ही नौकरी की। इसके बाद वर्ष 2016 में ही इस्तीफा देकर चला गया। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद परवेज से पूछताछ में जानकारी मिलने के बाद स्थानीय पुलिस ने भी उसके बारे में जानकारी जुटाना शुरू कर दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
डॉ. परवेज अंसारी ने वर्ष 2015 में एसएन मेडिकल कॉलेज से की थी एमडी
दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके से कुछ घंटे पहले ही सोमवार को फरीदाबाद से डॉ. शाहीन और सहारनपुर से जम्मू-कश्मीर के डॉ. आदिल की गिरफ्तारी हुई थी। दोनों से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर डॉ. परवजे को भी हिरासत में ले लिया गया। उससे पूछताछ चल रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज के साथी डॉक्टरों ने बताया कि परवेज अंसारी ने एरा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया था। इसके बाद वर्ष 2013 में उसका चयन आगरा के एसएन मेडिकल कालेज में हो गया। यहां वह एमडी करने आ गया। वर्ष 2015 में एमडी की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने 23 जुलाई 2015 को एसएन मेडिकल कॉलेज में नौकरी शुरू कर दी। यहा वह हॉस्टल में ही रहता था। यहां चार नवंबर 2016 में त्याग-पत्र दे दिया।
एक वर्ष तक नौकरी करने के बाद वर्ष 2016 में इस्तीफा देकर चला गया था
साथी डाक्टरों ने बताया कि वह सीधा था। केवल पढ़ाई से ही मतलब रखता था।मई 2018 में सहारनपुर के शेखूहिल मेडिकल कालेज में नौकरी शुरू कर दी । पांच माह बाद ही परवेज ने अक्टूबर में वहां से भी त्याग-पत्र दे दिया। कोविड के दौरान वह सहारनपुर में रहा और वहीं की एक लड़की से शादी की थी।
कोविड के बाद 16 जुलाई वर्ष 2021 में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में बतौर सीनियर रेजिडेंट डाक्टर ज्वाइन किया। मंगलवार को जांच टीमों ने लखनऊ के कैसरबाग के खंदारी बाजार और आईआईएम रोड के मुत्तकीपुर में दोनों के मकानों को खंगाला। जांच टीम लैपटाप, दस्तावेज, मोबाइल, पेन ड्राइव और अन्य सामान अपने साथ लेकर गई है। कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एटीएस टीम ने प्राचार्य संजय काला से डॉ. शाहीन के बारे में जानकारी ली। |