राज्य ब्यूरो, पटना। देश की आजादी के उपरांत बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मतदाताओं ने इतिहास रच दिया। पहली बार दोनों चरण मिलाकर रिकार्ड 67 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने मतदान किया। पहले चरण में छह नवंबर को 65.08 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं, मंगलवार को दूसरे चरण में 68.89 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। इसके साथ ही सभी 243 विधानसभा क्षेत्र में छिटपुट घटनाओं के बीच शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने प्रेसवार्ता में देर शाम यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के करीब दो हजार बूथों से अभी आंकड़े लिया जाना शेष है। देर शाम तक मिले आंकड़ों के अनुसार दूसरे चरण वाले 20 जिले की 122 सीटों पर सर्वाधिक कटिहार में 78.63 प्रतिशत, किशनगंज में 78.06 एवं पूर्णिया में 76.04 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। 2020 के विधानसभा चुनाव से इस बार 9.6 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ है।
अब 14 नवंबर को भारत निर्वाचन अयोग की ओर से बिहार के 46 मतगणना स्थलों पर सुबह आठ बजे मतगणना की जाएगी। राजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि बंपर वोटिंग के पीछे एनडीए सरकार की ओर से जीविका समूह से जुड़े महिलाओं को मुख्यमंत्री रोजगार योजना के तहत हर परिवार की महिला को 10 हजार रुपये एवं लगभग दो करोड़ परिवार को प्रतिमाह 125 यूनिट बिजली मुफ्त दिया जाना है।
इसके अतिरिक्त कुछ अन्य कारण भी हैं। मतदान कार्य में 1.80 लाख से अधिक जीविका दीदी व महिला कार्यकर्ताओं को पर्दानशीं महिलाओं की पहचान के लिए भी लगाया गया था। मतदान के उपरांत हर बूथ पर उपस्थित चुनाव एजेंट को फार्म-सी दिया गया, जिसमें मतदान से संबंधित सभी सूचनाएं दर्ज हैं। सभी बूथों पर लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की गई।
प्रेसवार्ता में पुलिस मुख्यालय के एडीजी कुंदन कृष्णन ने बताया कि कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की जानकारी नहीं मिली है। सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई थी। मतदान समाप्त होने के उपरांत कड़ी सुरक्षा के बीच ईवीएम पेटी को मतगणना केंद्र तक देर रात तक पहुंचाया जाता रहा।
उन्होंने बताया कि इस चुनाव में पहली बार नक्सल प्रभावित 1592 बूथों को बिना शिफ्ट किए उसी गांव में मतदान कराया गया। इस चरण में एक भी मतदान कर्मी को हेलीड्रापिंग नहीं करानी पड़ी। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के मतदान के दौरान मात्र 230 शिकायतें प्राप्त हुई जिसे समय पर निष्पादित कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि इस चरण में कुल 28 बूथों पर विभिन्न कारणों से मतदान बहिष्कार किया गया जिसमें वाल्मीकिनगर के वन क्षेत्र के 18 बूथ सम्मिलित हैं। मतदान के दौरान 3.52 करोड़ की जब्ती की गई जिसमें 1.7 करोड़ की शराब एवं नशीले पदार्थ आदि थे। आदर्श आचार संहिता के लागू होने से अब तक कुल 127 करोड़ की जब्ती की गई है जिसमें 78 करोड़ की शराब और नशीले पदार्थ की जब्ती समिमलित है।
चार विधानसभा चुनाव परिणाम :
2010 52.67
2015 56.66
2020 57.34
2025 66.97
यूं चढ़ा मतदान का ग्राफ
प्रथम चरण
- 09 बजे - 13.13 प्रतिशत
- 11 बजे 27.65
- 01 बजे 42.31
- 03 बजे 53.77
- 05 बजे 60.18
- 06 बजे 65.08
द्वितीय चरण
- 09 बजे -14.55 प्रतिशत
- 11 बजे 31.28
- 01 बजे 47.62
- 03 बजे 60.40
- 05 बजे 67.14
- 06 बजे 68.76
बंपर वोटिंग के तीन प्रमुख कारण :
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से चलाए गए मतदाता जागरूकता अभियान के साथ ही मतदान प्रतिशत बढ़ने के पीछे वैसे तो कई कारण बताए जा रहे हैं। किंतु, इनमें तीन मुख्य हैं। पहला व मुख्य कारण दिवाली एवं छठ में विभिन्न राज्यों में प्रवास करने वाले मतदाताओं के लिए दिवाली एवं छठ पर 13 हजार से अधिक ट्रेनें चलाने एवं आए हुए लोगों का मतदान के लिए रुकना है। दूसरा मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण (एसआइआर) के अतिरिक्त राजनीतिक दलों की ओर मतदाताओं को दिए गए लाभ एवं घोषणा वगैरह सम्मिलित है।
1962 से अब तक के चुनाव में महिला-पुरुष की सहभागिता
वर्ष महिला पुरुष कुल
1962
32.47
54.94
44.47
1967
41.09
60.82
51.51
1969
41.43
62.86
52.79
1972
41.3
63.06
52.79
1977
38.32
61.49
50.51
1980
46.86
66.57
57.28
1985
45.63
65.81
56.27
1990
53.25
69.63
62.04
1995
55.80
67.13
61.79
2000
53.28
70.71
62.57
2005-Feb
42.52
49.95
46.50
2005-Oct
44.49
47.02
45.85
2010
54.49
51.12
52.73
2015
60.48
53.32
56.91
2020
59.69
54.45
57.29
2025
71.6
62.8
66.91
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