जागरण संवाददाता, पटना सिटी। नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल और सेंटर आफ एक्सीलेंस परिसर की सड़क मरीजों के लिए खतरनाक हो गयी है। अस्पताल के अंदर की गड्ढे वाली सड़क से मरीजों को लाने ले जाने में परेशानी काफी बढ़ गयी है। चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों एवं आम नागरिकों के लिए इस बदहाल पैदल और वाहन से चलना मुश्किल होता जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस मामले में अधीक्षक डा. प्रो. रश्मि प्रसाद ने कहा कि अस्पताल की सड़क बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा लगभग 5.5 करोड़ रुपए की कार्य योजना तैयार की गयी है। यह प्रस्ताव बिहार चिकित्सा सेवा एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड (बीएमएसआइसीएल) को भेजा गया है।
अस्पताल के अंदर की सड़क का निर्माण उसी स्तर से होना है।एनएमसीएच में प्रवेश द्वार से लेकर अंदर तक की सड़क पैदल चलने लायक नहीं है। सेंट्रल इमरजेंसी, शिशु रोग विभाग की इमरजेंसी, औषधि विभाग की आइसीयू, सर्जिकल विभाग की आइसीयू, नवजात गहन चिकित्सा इकाई, सीटी स्कैन एवं एमआरआई के साथ विभिन्न विभागों के वार्ड तक मरीजों को आने-जाने में जोखिम उठानी पड़ रही है।
यहां के मरीजों को जांच के लिए सेंटर आफ एक्सीलेंस परिसर स्थित रेडियोलाजी विभाग, पैथोलाजी विभाग जाना पड़ता है। यहां की सड़क भी गड्ढे वाली है। इसी बदहाल रास्ते से यहां के प्रसूति विभाग में गर्भवती महिलाएं, औषधि विभाग एवं कैंसर रोग विभाग में मरीज, स्वजन, चिकित्सक, कर्मी सभी आते-जाते हैं। बारिश होते ही अस्पताल की गड्ढे वाली सड़क पर जल जमाव हो जाता है। नेत्र रोग विभाग, शिशु रोग विभाग, नीकू आदि के समीप जल जमाव हो जाता है। |