प्रहलाद तिवारी, बाराबंकी। राजधानी व सीतापुर जिले से जुड़ी कुर्सी विधानसभा क्षेत्र के झांसा पुरवा में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150 वीं जयंती पर राष्ट्रीय एकता समारोह को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों को एकता के सूत्र में पिरोया। वह अपने चिरपरिचित अंदाज में सियासी संदेश भी दिया। राम के साथ राष्ट्र को वरीयता देते हुए एकता का नारा दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मंगलवार को मुख्यमंत्री ने आगामी विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। तय कार्यक्रम से लगभग पौन घंटा बाद झांसा पुरवा पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन 2027 का खाका भी खींचा। माना जा रहा है कि इन मुद्दों पर ही भाजपा वर्ष 2027 में जनता के बीच जाएगी। जिले के विकास कार्यों को सिलसिलेवार गिनाया। विकास के साथ ही साफ्ट हिंदुत्व का एजेंडा झलका।
सीएम के भाषण की चर्चा जनसभा के बाद गली कूचे में सुनने को मिल रही है। लगभग 44 मिनट के भाषण में उन्होंने न केवल बाराबंकी तक सीमित नहीं रहे, बल्कि आसपास के जिलों को भी छुआ। जनसभा स्थल से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित महमूदाबाद किला व राम मंदिर के मुद्दे को उठाया। इसके बाद जब 25 नवंबर को रामनगरी में आयोजित होने वाले ध्वजारोहण समारोह का उल्लेख किया, तब पंडाल जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा। उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर किसी भी राजनीतिक दल का एक बार भी नाम नहीं लिया, लेकिन संकेतों में कोई कसर नहीं छोड़ी।
वरिष्ठ साहित्यकार अजय सिंह गुरु बताते हैं कि राम के साथ राष्ट्र को वरीयता देकर सीएम मिशन 2027 की रुपरेखा तय कर गए। हालांकि अभी दो वर्ष शेष हैं, लेकिन जनसभा में गिनाए गए विकास कार्य दो वर्ष में पूर्ण हो जाएंगे। उनकी स्पष्टवादिता ही उनको अन्य से अलग करती है।
पटेल के साथ डॉ. आबेडकर को पुष्पांजलि
सीएम ने हेलीपैड से उतरते ही सड़क के उस पार स्थित बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर कार से पहुंचे। वहां पर पुष्प अर्पित करने के साथ ही मंच पर लौह पुरुष सरदार पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की। |