i20 से लेकर संदिग्ध की पहली तस्वीर तक... लाल किले विस्फोट में अब तक क्या-क्या आया सामने, पढ़ें पूरी अपडेट

Chikheang 2025-11-11 14:37:03 views 1265
  



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार धमाके में कम से कम नौ लोगों की मौत हुई। इसमें 20 लोग घायल हुए हैं। ये विस्फोट देशभर में आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे धरपकड़ अभियान के बीच हुआ है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

धमाका आतंकी हरकत है या नहीं, इसे लेकर पुलिस ने अभी कुछ नहीं बताया है। किसी आतंकी संगठन ने जिम्मेदारी भी नहीं ली है। वहीं देर रात तक स्पेशल सेल, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के अलावा सभी केंद्रीय एजेंसियां व पुलिस जांच में जुट गई है।
दो मृतकों की हुई पहचान

इस धमाके में मारे गए ज्यादातर लोगों की उम्र 30 से 35 वर्ष के बीच है। अब तक दो लोगों की पहचान दो सकी है। 34 वर्षीय अशोक कुमार अमरोहा के हसनपुर मंगरोला के रहने वाले थे, जबकि 35 वर्षीय अमर कटारिया दिल्ली के श्रीनिवासपुरी के थे।

  

अशोक कुमार तीन साल पहले डीटीसी में परिचालक के पद पर भर्ती हुए थे। वह पत्नी सोनम, बेटी अरोहिज, काव्या व बेटे आरव के साथ दिल्ली के संगम विहार के जगतपुर गांव में रहते थे।
कैसे हुआ विस्फोट?

घटनास्थल से कोई विस्फोटक मौके से नहीं मिला है। केमिकल, टाइमर, कीलें व लोहे के टुकड़े बरामद नहीं हुए हैं। इससे जांच एजेंसियां किसी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रही हैं कि यह किसी आतंकी संगठन की हरकत है अथवा सीएनजी किट फटने से हुआ हादसा।

  

विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था रवींद्र सिंह यादव का कहना है कि आसपास लगे सीसीटीवी में धमाके की पूरी घटना कैद हो गई है। पुलिस फुटेज देखकर भी सुराग ढूंढने की कोशिश कर रही है। देर रात तक एफएसएल की टीम किसी केमिकल के बारे में पता नहीं लगा पाई कि विस्फोटक में किस केमिकल का इस्तेमाल किया गया था।
पुलवामा का तारीक निकला कार मालिक

धमाकों में इस्तेमाल i20 कार (एचआर 26 सीई7674) का मालिक तारिक उर्फ आमिर दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के संबूरा का रहने वाला है। संबूरा कभी जैश- ए-मोहम्मद के प्रभाव वाला इलाका था। पुलवामा हमले में इस्तेमाल कार को भी कुछ समय के लिए संबूरा में ही रखा गया था।

  

सूत्रों ने बताया कि तारिक पेशे से एक इलेक्टि्रशियन है, लेकिन बीते डेढ़-दो वर्ष के दौरान उसे कभी कभार ही संबूरा में देखा गया है। उसके परिजनों से पुलिस देर रात गए कथित तौर पर संपर्क किया है और उनसे तारिक के बारे में जानकारी मांगी। इससे पहले पुलिस को जांच में पता चला कि कार गुरुग्राम के सलमान के नाम पर है। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।

  

पता चला कि उसने डेढ़ साल पहले ओखला के देवेंद्र को कार बेच दी थी। देवेंद्र ने अंबाला के किसी व्यक्ति को बेच दी थी। पुलिस अंबाला के व्यक्ति तक पहुंची तो पता चला की उसने पुलवामा के तारीक को बेच दी है।
UAPA के तहत मामला दर्ज

दिल्ली पुलिस ने बताया कि कोतवाली पुलिस स्टेशन में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 16, 18 और विस्फोटक अधिनियम और BNS की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

  
संदिग्ध ड्राइवर की पहली तस्वीर

प्राथमिक जांच से पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि आई-20 कार (HR26CE7674) में केवल उमर ही था, जिसने सुसाइड बम बनकर ब्लास्ट किया। वह जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है।

  

पुलिस की जांच के अनुसार, यह कार दो बार बेची गई। अंतिम बार फरीदाबाद के रहने वाले किसी व्यक्ति से 10 दिन पहले उमर ने खरीदी थी। इस ब्लास्ट में फरीदाबाद और पुलवामा कनेक्शन की पुष्टि हो रही है।

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