जागरण संवाददाता, संभल। असमोली थाना क्षेत्र के गांव मनोटा निवासी कुख्यात अपराधी हसीन का आपराधिक सफर आखिरकार पुलिस मुठभेड़ में खत्म हो गया। उसने 2018 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था और सात साल में लगभग 25 मुकदमे उसके खिलाफ दर्ज हो गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इतना ही नहीं वह चार साल से संभल पुलिस के सत्यापन से भी दूर था। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक वह गिरोह चलाता था और पांच अपराधी उसके साथ थे।
उसके परिवार में तीन बच्चे और पत्नी भी है। वर्तमान में वह दिल्ली में सिलाई का काम करता था और उसी के साथ अपराधी गतिविधियों में शामिल होने पर 50 हजार का इनामी बना।
कुख्यात अपराधी हसीन पर पहला मुकदमा वर्ष 2018 में थाना असमोली में गोकुशी के मामले में दर्ज हुआ था। इसी वर्ष उसके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया। लगातार अपराधों में लिप्त रहने पर पुलिस ने वर्ष 2019 में उस पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की थी।
इसके बाद वर्ष 2020 में कच्ची शराब बेचने के मामले में आबकारी अधिनियम की धारा 60 के तहत भी कार्रवाई हुई। असमोली क्षेत्र में सक्रिय रहने के बाद हसीन ने अपना अपराध नेटवर्क संभल से बाहर भी फैलाना शुरू कर दिया।
वर्ष 2022 में उसने गौतमबुद्ध नगर जिले में कदम रखा और वहां भी कई संगीन वारदातों में शामिल हुआ। थाना फेस-3 में उसके खिलाफ चार मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें हत्या के प्रयास, अवैध हथियार रखने और गिरोहबंदी की धाराएं शामिल थीं।
इसके बाद कोतवाली संभल में वर्ष 2024 में गोकुशी के मामले में दो मुकदमे दर्ज होने के बाद कोतवाली पुलिस ने भी उसके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की। संभल बिजली चोरी के मामले में हसीन के खिलाफ बिजली चोरी निरोधक थाने में प्राथमिकी दर्ज है।
हसीन और उसका गिरोह चोरी, लूट, तस्करी, गोवंश वध और अवैध शराब के धंधे में शामिल था। अब हापुड़ पुलिस ने उसपर 50 हजार का इनाम भी घोषित किया था। हाल ही में उसके हापुड़ में छिपे होने की सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी की, जहां रविवार की देर रात पुलिस से हुई मुठभेड़ में उसके गोली लगी और वह मारा गया।
बता दें कि वह 2020 से पुलिस के सत्यापन से दूर था। लेकिन, अब पता चला कि वह दिल्ली में सिलाई का काम करने के साथ-साथ आपराधिक गतिविधियों में शामिल था। असमोली के सीओ कुलदीप सिंह ने बताया कि हसीन का 2018 में आपराधिक सफर शुरू हुआ था। उसके गिरोह में पांच अपराधी काम करते थे।
हरियाणा के नूहं में हो रहा गोवंशी का कटान
मुठभेड़ में ढेर हसीन अपने भाई हसीब के साथ मिलकर गिरोह चलता था। वह उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब व हरियाणा में ऐसे लोगों के संपर्क में था जो पशुपालन करते हैं। वह इनसे कम दामों में गोवंशी खरीदता था। वहीं, गिरोह से जुड़े सदस्य जंगलों में घूमने वाले बेसहारा गोवंशी को भी पकड़ लेते थे।
पशुपालकों से खरीदी दुधारू गोवंशी के बीच बेसहारा गोवंशी को छिपा देते थे। सभी को एक साथ कैंटर में लादकर हरियाणा के नूंह ले जाते थे। वहां उनका कटान कर मांस बेचा जाता था।
एक गोवंशी के कटान पर हसीन को 20 हजार रुपये का मुनाफा होता था। एक सप्ताह में वह 60 से अधिक गोवंशी को नूंह भेजता था। एसपी ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि आरोपित करीब चार हजार गोवंशी की हत्या कर चुका था।
संभल पुलिस की भी हो चुकी है मुठभेड़
तीन दिन पहले मुजफ्फरनगर के थाना शाहपुर क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान हसीन पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलिया चलाकर बच निकला था।
वहीं, पुलिस ने करीब 17 गोवंशी के साथ उसके साथी परवेश को गिरफ्तार किया था। हसीन के साथ जिला संभल व नोएडा पुलिस की मुठभेड़ हो चुकी है। इस दौरान उसके पैर में गोली भी लगी थी, पर उसने गोकशी का धंधा बंद नहीं किया। |