जागरण संवाददाता, सुपौल। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना अंतर्गत जिले के विभिन्न प्रखंडों एवं पंचायतों में संविदा पर कार्यरत पंचायत रोजगार सेवकों का व्यापक पैमाने पर स्थानांतरण (ट्रांसफर) किया गया है। यह स्थानांतरण जिलाधिकारी सह जिला कार्यक्रम समन्वयक सावन कुमार द्वारा किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
निर्देशानुसार जिले में कार्यरत वे सभी पंचायत रोजगार सेवक, जिनकी पदस्थापन अवधि तीन वर्ष से अधिक या तीन वर्ष से कम हो चुकी थी, उनके कार्य-क्षेत्र का पुनर्विन्यास करते हुए कुल 132 पंचायत रोजगार सेवकों को प्रखंड स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक नई जगह पदस्थापित किया गया है।
जिला स्तर से जारी आदेश में सभी पदस्थापित सेवकों के वर्तमान प्रखंड, वर्तमान पंचायत तथा नई पदस्थापित पंचायतों के नाम विस्तार से अंकित किए गए हैं। जारी आदेश में सभी पंचायत रोजगार सेवकों को निर्देश दिया गया है कि वे 8 दिसंबर 2025 तक अपने नव पदस्थापित प्रखंड/ग्राम पंचायत में योगदान करें तथा पूर्व कार्यस्थल पर पूरे प्रभार का आदान-प्रदान सुनिश्चित करें।
साथ ही चेतावनी दी गई है कि निर्धारित अवधि के भीतर योगदान नहीं करने की स्थिति में 10 दिसंबर 2025 के उपरांत अनुपस्थित माना जाएगा, जिसके फलस्वरूप विभागीय कार्रवाई तय मानी जाएगी। जिले के जिन पंचायतों में पंचायत रोजगार सेवक का पदस्थापन जिला स्तर से नहीं किया गया है, उन्हें खाली नहीं छोड़ा जाएगा।
इस संबंध में निर्देश दिया गया है कि संबंधित प्रखंड के मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी निकटतम पंचायत के पंचायत रोजगार सेवक को अतिरिक्त प्रभार देने हेतु प्रस्ताव तैयार कर जिला को भेजें। जिला स्तर से ऐसे पंचायतों में अतिरिक्त प्रभार का आवंटन सुनिश्चित किया जाएगा।
जारी आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इसकी प्रतिलिपि सभी पंचायत रोजगार सेवक, सभी कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, निदेशक, नप-डीआरडीए, उप विकास आयुक्त, अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक, आयुक्त, मनरेगा (ग्रामीण विकास विभाग, पटना) अर्थ सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, पटना को भेजी गई है।
आदेश में कहा गया है कि मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजना के सुचारू संचालन, पारदर्शिता बढ़ाने और कार्यों में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए पंचायत रोजगार सेवकों का समय-समय पर स्थानांतरण आवश्यक है। कार्यहित में किए गए इस निर्णय से विभिन्न पंचायतों में योजना क्रियान्वयन की गति और निगरानी प्रणाली को मजबूती मिलेगी।
प्रशासन ने अपेक्षा जताई है कि सभी पंचायत रोजगार सेवक समय पर योगदान देते हुए पंचायत स्तर पर मनरेगा योजनाओं की पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएंगे। |