गुरुग्राम में बदल रहा थानों का निजाम, फरियादियों से इस तरह से बातचीत करेंगे पुलिसकर्मी

Chikheang 2025-11-11 04:37:09 views 1254
  

गुरुग्राम में पुलिस महानिदेशक के आदेश के बाद थानों में बदलाव हो रहा है।



विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के आदेशों के बाद महकमे में बदलाव की लहर देखी जा रही है। खासकर थाना स्तर पर, फरियादियों से बात करने वाले पुलिसकर्मियों का न सिर्फ लहजा बदला है, बल्कि उनकी बातों को भी शांतिपूर्वक सुना जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

दैनिक जागरण संवाददाता ने सोमवार को शहर के कुछ थानों की पड़ताल की। सेक्टर 29, सेक्टर 10ए और शिवाजी नगर थानों का निरीक्षण किया गया। सेक्टर 10ए थाना परिसर में एक पुलिसकर्मी को एक मेज और कुर्सी दी गई है।

उसे निर्देश दिया गया है कि वह थाने में आने वाले हर व्यक्ति से उसके आने का कारण और वह किससे मिलना चाहता है, पूछे। उसे अंदर सम्मानपूर्वक बैठने के लिए भी कहा जाएगा। जांच के दौरान, कुछ फरियादी थाने के अंदर बेंचों पर बैठे मिले, जहां पुलिसकर्मी उनकी बातें भी सुन रहे थे। सेक्टर 10ए में एक और बदलाव किया गया है।

एचएसओ कक्ष के बाहर एक अलग बेंच और मेज लगाई गई है, जिसमें पढ़ने के लिए कई किताबें रखी गई हैं। थाना प्रभारी ने बताया कि यहां आगंतुक बैठकर किताबें पढ़ सकते हैं। इससे अक्सर मन को शांति मिलती है।

शिवाजी नगर थाने में एक संतरी को कुर्सी-मेज और एक रजिस्टर के साथ परिसर में बिठाया गया है। पुलिसकर्मियों को आगंतुकों का विवरण रजिस्टर में दर्ज करने का आदेश दिया गया है। थाना प्रभारी इंस्पेक्टर देवेंद्र ने बताया कि थाने में शिकायत दर्ज कराने के उद्देश्य को लेकर अक्सर शिकायतकर्ताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच मतभेद होते रहे हैं।

हालाँकि, रजिस्टर में अपनी प्रविष्टियाँ दर्ज करके, किसी भी समय मामले को स्पष्ट किया जा सकता है। थाना परिसर में एक झोपड़ीनुमा जगह में एक मेज और बेंच रखी गई है। वहाँ ड्यूटी ऑफिसर और शिकायतकर्ताओं के बैठने की व्यवस्था की गई है। सोमवार को ड्यूटी ऑफिसर शिकायतकर्ताओं की बातें सुनते नज़र आए।

सेक्टर 29 थाने में दिव्यांगों के लिए रैंप और कुर्सियाँ भी उपलब्ध कराई गई हैं। सेक्टर 29 थाने में गेट के पास एक संतरी की मेज और कुर्सी रखी गई थी, लेकिन कोई भी पुलिस अधिकारी मौजूद नहीं था। उस समय थाना परिसर में कोई शिकायतकर्ता नहीं मिला।

उस समय एक युवती अपना पासपोर्ट सत्यापन कराने आई थी। हालाँकि, एक पुलिस अधिकारी से फ़ोन पर बात करने के बाद वह भी चली गईं। इस पुलिस स्टेशन में दिव्यांगों के लिए रैंप और कुर्सियाँ भी उपलब्ध कराई गई हैं।
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