म्यामांर में साइबर गुलामी से मुक्त कराए गए आठ बिहारी समेत 270 भारतीय, हैरान करनेवाली है इनकी कहानी

LHC0088 2025-11-11 00:37:16 views 1256
  

EOU मुक्‍त कराए लोगों को लेकर पहुंची पटना। सांकेत‍िक तस्‍वीर  



राज्य ब्यूरो, पटना। दक्षिण एशियाई देश म्यांमार (Myanmar) में साइबर गुलामी कर रहे 270 भारतीयों को मुक्त कराया गया है। इनमें आठ बिहारी भी शामिल हैं।

इन्हें बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम दिल्ली/नोएडा से रिसीव कर पटना लेकर आई है। मुक्त कराए गए बिहारियों में सीतामढ़ी के तीन, मधुबनी के दो और गोपालगंज, गया और अररिया के एक-एक लोग शामिल हैं।

इन सभी से सोमवार को ईओयू (Economic Offence Unit) अधिकारियों ने पूछताछ की जिसमें कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। पूछताछ के बाद सभी को स्वजनों को सौंप दिया गया है।
दो हजार लोगों से कराया जा रहा था अपराध

ईओयू के अनुसार, म्यांमार के केके पार्क स्‍थि‍त परिसर में भारतीयों के साथ नेपाल, इथोपिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, फिलिपिंस, नाइजिरिया, मलेशिया जैसे देशों के करीब दो हजार लोगों से जबरन साइबर ठगी का काम लिया जा रहा था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

पिछले माह म्यांमार आर्मी की छापेमारी में विभिन्न देशों के साइबर गुलामों (Cyber Slaves) को केके पार्क से मुक्त कराया गया। म्यांमार से निकलने के बाद सभी थाईलैंड पहुंचे।

थाईलैंड में विधिवत सत्यापन और अग्रतर कार्रवाई के बाद सभी की स्वदेश वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई। इसी क्रम में आठ बिहारियों समेत 270 भारतीयों को विशेष विमान से छह नवंबर को नई दिल्ली लाया गया था।

इसके बाद भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (IC4C) के निर्देश पर ईओयू की टीम रविवार की देर रात आठ बिहारियों को लेकर पटना पहुंची।
लड़कियों की एआइ तस्वीर लगा अमेरिका-कनाडा के लोगों को फंसाते थे

ईओयू की पूछताछ में मुक्त हुए बिहारियों ने बताया कि विदेश भेजने वाले एजेंट के माध्यम से यह सभी डाटा इंट्री (Data Entry) की नौकरी के नाम पर थाईलैंड के बैंकाॅक पहुंचे थे।

वहां साइबर गुलामी चलाने वाले गिरोह के सदस्य एयरपोर्ट पर सभी को रिसीव कर थाईलैंड-म्यांमार सीमा पर स्‍थ‍ित एक नदी के पास लाते हैं। यहां नाव से नदी पाकर कराकर इन सभी को म्यांमार के म्यावाडी स्‍थ‍ित केके पार्क ले जाया जाता है, जहां जबरन साइबर ठगी कराई जाती थी।

इसके बदले 30 हजार थाई बहात (करीब 82 हजार रुपये) मासिक दिया जाता था। इन सभी से हैक हुए फेसबुक आइडी में एआइ जेनरेटेड लड़कियों की तस्वीर लगाकर अमेरिका व कनाडा के लोगों को फंसाने का काम सौंपा जाता था।

यह सभी अमेरिका-कनाडा के नागरिकों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर मुनाफे का लालच देकर ठगते थे। जब कोई क्रिप्टो में निवेश करता था तो इन सभी को अलग से तीन प्रतिशत कमीशन भी दिया जाता था।  
मना करने पर मांगा जाता था चार लाख रुपया हर्जाना

ईओयू के अनुसार, म्यांमार के केके पार्क स्‍थ‍ित परिसर में सभी को कड़ी निगरानी में रखा जाता था। समय-समय पर टारगेट पूरा नहीं करने पर या विरोध करने पर शारीरिक एवं मानसिक तौर पर प्रताड़‍ित भी किया जाता था।

जब फंसाकर लाए गए लोग साइबर अपराध का काम करने से मना करते थे तो उनसे हर्जाने के रूप में चार लाख रुपये की मांग की जाती थी।
13 को फिर होगी पूछताछ, बिचौलियों पर होगी कार्रवाई

ईओयू ने मुक्त कराए गए बिहारियों को वापस 13 नवंबर को जिले के साइबर थाने में उपिस्थत होने का निर्देश दिया है। संबंधित साइबर थानाध्यक्षों से मुक्त कराए गए लोगों से पूछताछ कर अपराध में शामिल एजेंटों और बिचौलियों की पहचान कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

ईओयू ने लोगों से अपील की है कि वह नौकरी के लालच में बिचौलियों के जाल में न फंसे। अगर विदेश में नौकरी देने का वादा किया जाता है, तो पूरी तरह से उस स्थान, नौकरी की कार्यशैली आदि की जांच पड़ताल कर आश्वस्त हो लें।  
साइबर गुलामी से मुक्त कराए गए बिहारी

आरिफ अली, मेहसौल पूर्वी हुसैना, सीतामढ़ी। मो. फैजान आलम, सोनवर्षा, सीतामढ़ी। आदित्य, सुप्पी, सीतामढ़ी। आसिफ शेख, पतौना, मधुबनी। मो. राजिक, गौशाला रोड, मधुबनी। आदित्य कुमार झा, बेरगाछी, अररिया। प्रशांत कुमार पटेल, भोरे, गोपालगंज। सागर कुमार, धनावां, बोधगया।
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com