दयालबाग स्थित संगमरमर से बनी स्वामी बाग पवित्र समाधि।
जागरण संवाददाता, आगरा। वर्ष 1904 से लगातार स्वामी बाग स्मारक का निर्माण कार्य चल रहा था, जो पूरा होने को है। अब कुछ ही कार्य शेष है, जो अंतिम चरण में है।
अब स्वामी बाग प्रबंध समिति ने पवित्र समाध को अनुयायियों के दर्शनार्थ खोल दिया गया है और रोजाना सुबह से शाम तक हजारों अनुयायी यहां राधास्वामी मत के संस्थापक स्वामी जी महाराज के दर्शन करने को पहुंचते हैं।
यह समाध पवित्र होने के साथ ताजमहल के जैसे ही खूबसूरत है। इसे संगमरमर से बनाया गया है।
राधास्वामी मत के संस्थापक गुरु परम पुरुष पूरनधनी स्वामी जी महाराज का यह समाधि स्थल स्मारक अपने आप में विशेष है, जिसे देखने और गुरु महाराज की पवित्र समाध के दर्शन करने देशी-विदेशी पर्यटक यहां पहुंचते हैं।
इसमें मुख्य गुंबद का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। अब सिर्फ फूल-पत्तियों में रंग भरने और उन्हें सुंदरता देने का काम अंतिम चरण में है। मुख्य गुंबद की ऊंचाई लगभग 195 फुट है।
संगमरमर से बनाया यह स्मारक पच्चीकारी का अद्भुत नमूना है। इस स्थल को बाग की संज्ञा दी जाती है क्योंकि स्वर्ग में चारों ओर सुख, संपन्नता और हरियाली यानि शांति है। इसलिए इसमें छत, दरवाजों, खंबों आदि में फल और फूल तराशे गये हैं, वे बिल्कुल सजीव लगते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसका अवलोकन करने के लिए देशी-विदेशी पर्यटक प्रतिदिन आते हैं। वहीं, स्वामी बाग में नियमित सत्संग होता है। यहां से देश-विदेश के लाखों सत्संगी जुड़े हैं।
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