दीपा शर्मा, गाजियाबाद। जिले के नगर क्षेत्र के विद्यालयों में पहले से ही शिक्षकों की काफी ज्यादा कमी है। शिक्षक एवं विद्यार्थी अनुपात में एक बड़ा अंतर सालों से चला आ रहा है। इससे नगर क्षेत्र में बच्चों की पढ़ाई काफी ज्यादा प्रभावित हो रही है। अब जो शिक्षक विद्यालय संभाल रहे हैं उनकी भी बीएलओ में ड्यूटी लगा दी गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विद्यालयों में केवल प्रधानाध्यापकों को छोड़कर, शिक्षक, शिक्षामित्र अनुदेशक सभी की ड्यूटी लगी है। ऐसे में बच्चों के भाषा एवं गणित में निपुण होने की कैसे उम्मीद की जा सकती है। बीएलओ में ड्यूटी लगने से जो एकल शिक्षक विद्यालय हैं विद्यालय खुला रहना मुश्किल है। शिक्षक लगातार बीएलओ ड्यूटी का विरोध कर रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारियों को लगातार स्थिति से भी अवगत करा रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो पा रहा है।
नगर क्षेत्र में बड़ी संख्या में है शिक्षकों की कमी
नगर क्षेत्र में बड़ी संख्या में शिक्षकों की कमी है। नगर में कुल 93 विद्यालय हैं। जिनमें करीब 17,320 विद्यार्थियों पर कुल 237 शिक्षकों की तैनाती है। 21 एकल शिक्षक विद्यालय हैं। इनमें भी पांच विद्यालय ऐसे हैं जो शिक्षक विहीन हैं और उनमें अस्थाई तौर पर एकल शिक्षक की व्यवस्था की हुई है। वहीं अन्य विद्यालयों में भी विद्यार्थियों को मुकाबले शिक्षकों की संख्या काफी ज्यादा कम है।
शिक्षक कर रहे बीएलओ ड्यूटी का विरोध
शिक्षकों की ओर से बीएलओ ड्यूटी का विरोध किया जा रहा है। उत्तर प्रदेशीय शिक्षक संघ द्वारा जिलाधिकारी को समस्या को लेकर ज्ञापन दिया जाएगा। उनका कहना है कि शासन एवं विभाग की ओर से विद्यार्थियों को निपुण बनाने पर जोर है। दूसरी ओर कभी बीएलओ में ड्यूटी लगा दी जाती है तो कभी सर्वेक्षण का कार्य करने के साथ अन्य विभागीय कार्य करने होते हैं। विद्यार्थियों को पढ़ाने से ज्यादा समय इन कार्यों में लगता है। ऐसे में विद्यार्थियों को कैसे भाषा एवं गणित में निपुण बनाया जा सकता है।
विद्यालयों में चल रहे हैं निपुण एसेसमेंट टेस्ट
विद्यालयों में निपुण एसेसमेंट टेस्ट चल रहे हैं। डायट की टीम द्वारा आनलाइन निपुण एसेसमेंट टेस्ट लिए जा रहे हैं। सभी विद्यालयों टेस्ट के लिए अलग-अलग तारीख दी हुई है। शिक्षकों का कहना है कि वह विद्यार्थियों को पहले से टेस्ट को लेकर तैयार कराते, लेकिन बीएलओ में ड्यूटी लगने से शिक्षकों की गैर मौजूदगी में विद्यार्थी उतने आत्मविश्वास से नए लोगों को बता नहीं पाते। इससे निपुण एसेसमेंट टेस्ट के रिजल्ट भी प्रभावित होता है।
एक हेडमास्टर को छोड़कर सभी की ड्यूटी लगी है, कंपोजिट में एक शिक्षक के लिए आठ कक्षाओं को संभालना मुश्किल होता है। बीएलओ ड्यूटी को लेकर सालों से अनगिनत ज्ञापन देते आ रहे हैं, लेकिन इस पर कोई सुनवाई नहीं है। संघ की कार्यकारिणी की बैठक कर फिर से ज्ञापन देने का विचार करेंगे।
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- अमित गोस्वामी, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ महानगर
जिन बीएलओ की ड्यूटी लगी है उनको कार्यमुक्त करने के लिए कहा गया है। किसी विद्यालय में शिक्षकों की समस्या है तो वहां बेसिक शिक्षा अधिकारी से व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।
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. सौरभ भट्ट, एडीएम वित्त एवं राजस्व
एक हेडमास्टर को छोड़कर सभी शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशकों की ड्यूटी लगा दी है। जो एकल शिक्षक हैं उनकी भी ड्यूटी बीएलओ में लगी है। ऐसे विद्यालयों को बंद करने की नौबत आ गई है। ऐसे में बच्चे कैसे निपुण होंगे।
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- लईक अहमद, महामंत्री, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ |