स्पेन का बेहद खास नृत्य है फ्लामेंको (Picture Courtesy: Instagram)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हर देश और संस्कृति की अपनी खासियत होती है, जो उसे दूसरों से अलग बनाती है। फ्लामेंको भी स्पेन की संस्कृति का अहम हिस्सा है, जो उसे बेहद खास बनाता है। यह एक तरह का डांस फॉर्म है, जो कई अलग-अलग संस्कृतियों से मेल से बना है। आइए जानें फ्लामेंको नृत्य की खासियत क्या है।
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क्या है फ्लामेंको?
फ्लामेंको स्पेन का एक बहुत ही मशहूर नृत्य है, जो देश के एंडालूसिया इलाके से शुरू हुआ था। यह सिर्फ नृत्य नहीं, बल्कि संगीत, गायन और भावनाओं का सुंदर मेल है। फ्लामेंको को देखने और सुनने पर ऐसा लगता है जैसे कोई कहानी डांस के जरिए कही जा रही हो।
इसकी शुरुआत कब हुई?
फ्लामेंको की शुरुआत 15वीं से 18वीं शताब्दी के बीच मानी जाती है। यह नृत्य इसलिए खास है, क्योंकि इसमें कई संस्कृतियों का असर दिखाई देता है। इसमें अरबी, जिप्सी (जो भारत से आए थे), यहूदी और स्थानीय स्पेनिश परंपराओं का मिश्रण है।
711 ईस्वी में जब अरब लोग स्पेन पहुंचे, तो उन्होंने अपने संगीत और लय से वहां की लोक परंपराओं को प्रभावित किया। बाद में भारत से आए जिप्सियों ने अपनी लोकधुनों और तालों को इसमें जोड़ा। इस तरह फ्लामेंको एक ऐसा नृत्य बन गया जिसमें भारत, अरब और यूरोप की झलक एक साथ मिलती है।
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क्या है इस डांस की खासियत?
फ्लामेंको तीन मुख्य हिस्सों पर आधारित होता है-
- कांते- इसमें गायक अपनी आवाज से भावनाएं व्यक्त करता है।
- तोके- इसमें गिटार बजाया जाता है। यह नृत्य की लय को बनाए रखता है।
- बैले- इसमें डांसर अपने चेहरे के हाव-भाव, हाथों की मुद्राओं और पैरों की थाप से कहानी और भावनाएं दिखाते हैं।
फ्लामेंको बहुत ही भावनात्मक नृत्य है। इसमें दुख, प्यार, गर्व, पीड़ा और जोश जैसे भाव साफ झलकते हैं। नर्तक अपनी पूरी एनर्जी और दिल से प्रदर्शन करते हैं। महिलाएं लंबी, रंग-बिरंगी, फ्रिल वाली ड्रेस पहनती हैं। उनके बालों में फूल और हाथों में पंखा होता है। पुरुष टाइट पैंट, जैकेट और टोपी पहनते हैं, जिससे वे बहुत आकर्षक दिखते हैं।
फ्लामेंको शब्द का मतलब क्या है?
‘फ्लामेंको’ शब्द का इस्तेमाल पहली बार 18वीं शताब्दी में हुआ था। यह अरबी शब्द ‘फेलाह-मेंगु’ से निकला है, जिसका मतलब होता है “भटकने वाला व्यक्ति”- जो उस समय के जिप्सी लोगों से जुड़ा था।
आज फ्लामेंको न केवल स्पेन में, बल्कि पूरी दुनिया में बहुत लोकप्रिय है। यह जैज, फ्यूजन और पॉप संगीत में भी इस्तेमाल किया जाता है। स्पेन के सेविल, कोर्डोबा और ग्रेनेडा शहर फ्लामेंको की संस्कृति के प्रमुख केंद्र माने जाते हैं।
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साल 2010 में यूनेस्को ने फ्लामेंको को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी। यह नृत्य सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि स्पेन की सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतीक है।
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