कोर्ट ने साक्ष्य के आधार पर आरोपित को नहीं दी राहत
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। क्रॉसिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र में एक फरवरी को हुई आशु शर्मा की हत्या के आरोपित आकाश उर्फ विशाल को राहत नहीं दी। कोर्ट ने आरोपित की ओर से दायर की गई उन्मोचन याचिका को खारिज कर दिया।
आशु अपने परिचितों के साथ बैठा हुआ था। इस दौरान उसका विवाद हो गया। आरोप है कि आकाश ने गुस्से में ईंट से आशु के चेहरे पर वार किया। गंभीर रूप से घायल आशु को पहले जिला एमएमजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां से उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने जांच में घटनास्थल से ईंट बरामद कर की थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
चश्मदीद गवाहों से पुष्टि हुई कि झगड़े के दौरान आकाश ने वार किया था। मेडिकल रिपोर्ट में मृतक के शरीर पर चार चोट के निशान मिले थे। आरोपित के अधिवक्ता ने उन्मोचन याचिका दायर की थी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने दलील देते हुए कहा कि यह हत्या नहीं बल्कि अचानक हुई झड़प का नतीजा था। उन्होंने तर्क दिया कि मृतक और आरोपित के बीच कोई पुरानी दुश्मनी नहीं थी।
घटना नशे की हालत में आपसी कहासुनी के दौरान हुई। बचाव पक्ष ने उच्च न्यायालयों के कई फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि यह घटना अनिच्छित यानी लापरवाही से हुई मौत के दायरे में आती है। अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि गवाहों के बयानों और बरामद वस्तु के आधार पर आरोपित की संलिप्तता स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि आकाश ने जानबूझकर घातक हमला किया। जिससे आशु की मौत हुई। लिहाजा यह मामला हत्या का है।
न्यायालय ने कहा कि उपलब्ध साक्ष्य प्रथम दृष्टया आरोप सिद्ध करने के लिए पर्याप्त हैं। सत्र न्यायाधीश विनोद सिंह रावत ने आकाश उर्फ विशाल की से दायर की गई उन्मोचन याचिका को खारिज कर दिया। उसके विरुद्ध धारा 103(1) बीएनएस के तहत अभियोजन जारी रखने का आदेश दिया। |