भूमिगत पार्किंग अब गंदगी और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गई है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। मध्य दिल्ली में यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने और जाम से राहत दिलाने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा बनाई गई भूमिगत बहुमंजिला पार्किंग अब सुविधा कम, गंदगी, अंधेरे और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
स्वच्छ दिल्ली के तमाम दावों के बावजूद, ये जर्जर पार्किंग स्थल निगम के खराब रखरखाव की पोल खोलते हैं। इन पार्किंग स्थलों को देखकर ऐसा लगता है मानो एमसीडी को नागरिकों की सुरक्षा से ज़्यादा पार्किंग शुल्क से मतलब है।
इसका जीता जागता उदाहरण तीन दिन पहले चर्च मिशन रोड स्थित पार्किंग स्थल पर हुआ हादसा है। किराना समिति के संयुक्त सचिव रविंदर मेहता पार्किंग स्थल में खुले नाले में गिरकर अपना पैर तोड़ बैठे। उन्होंने लाहौरी गेट थाने में पार्किंग ठेकेदार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की है।
एमसीडी की लापरवाही से टूटा पैर
किराना समिति के संयुक्त सचिव रविंदर मेहता ने एमसीडी पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पुरानी दिल्ली के चर्च मिशन रोड पर स्थित पार्किंग पूरी तरह से जर्जर हालत में है, जहाँ जगह-जगह फर्श और छत की चादरें टूटी हुई हैं। भूमिगत परिसर ओवरफ्लो हो जाता है, जिससे गंदा पानी जमा हो जाता है। तीन दिन पहले, वह खरीदारी के बाद पार्किंग में खड़ी अपनी कार में सामान रख रहे थे।
पार्किंग में खुले नाले में गिरकर उनका पैर टूट गया। उन्हें एक दिन बाद काम पर निकलना था, लेकिन पैर टूटने के कारण उनका सारा काम रुक गया है। पीड़ित रविंदर मेहता ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पार्किंग शुल्क वसूलने के बावजूद, एमसीडी नागरिकों की बुनियादी सुरक्षा और सुविधाओं की उपेक्षा कर रही है। एमसीडी और ठेकेदारों की लापरवाही लोगों की जान के लिए खतरा बन रही है।
हादसों का यह सिलसिला यहीं खत्म नहीं होता। लोक नायक अस्पताल के सामने स्थित एमसीडी की बहुमंजिला पार्किंग अब असामाजिक तत्वों और नशेड़ियों का अड्डा बन गई है। पार्किंग के भीतर का घना अंधेरा लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है। हैरानी की बात यह है कि फर्श पर खाली बीयर की बोतलें और प्लास्टिक के गिलास बिखरे पड़े थे।
कुछ लोग अंदर गाड़ियाँ धोते हुए पाए गए। नगर निगम के कर्मचारियों की अनुपस्थिति और उदासीनता ने पार्किंग नियमों की पूरी तरह से अवहेलना की है। पार्किंग में रहने वालों का कहना है कि टूटे हुए रैंप उनकी गाड़ियों के पहियों को नुकसान पहुँचा रहे हैं। वहीं, अंधेरे में पैदल चलने वाले अक्सर गिरकर घायल हो रहे हैं। इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
सभी पार्किंग स्थलों का निरीक्षण किया जाएगा और अगर कोई कमी पाई गई तो ठेकेदारों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- सुमित कुमार - एमसीडी प्रवक्ता |