औरैया में एक साल में 24,866 लोगों को कुत्तों ने काटा, प्रशासन के पास नहीं बचाव के कोई इंतजाम

deltin33 2025-11-9 00:38:01 views 1057
  

नगर पालिका परिसर में आवारा कुत्तों का झुंड। जागरण



जागरण संवाददता,औरैया। बदलते दौर में सड़कों पर घूमने वाले आवारा कुत्ते भी अब खूंखार हो गए हैं। जिसके चलते लोगों को सड़कों पर निकलना मुश्किल हो गया है। स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों को लेकर अभिभावक डरे रहते है। शहर से लेकर गांव तक लोग कुत्ताें के आतंक से परेशान हैं। फर्रुखाबाद के पोस्टमार्टम हाउस में कुत्तों द्वारा रात में शव को नोंचने की घटना ने लोगों को झकझोर दिया है। मरने के बाद भी लोग कुत्तों से सुरक्षित नही हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भी स्कूल, अस्पताल और रेलवे स्टेशनों से आवारा कुत्तों के हटाने को कहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  
प्रशासन के पास इंतजाम नहीं

जनपद के कई दफ्तरों, अस्पतालों, स्कूलों व अन्य संस्थानों में कुत्ते अधिकांश घूमते हुए दिखाई पड़ते हैं। कुत्ते काटने की घटनाएं भी तेजी से बढ़ी हैं। लेकिन प्रशासन के पास कुत्तों से बचाव के कोई इंतजाम नही है। अधिकारी केवल एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने की सलाह देने तक सीमित हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष जिले के अस्पतालों में कुत्ते काटने के 24866 मामले पहुंचे।

  
साल दर साल बढ़ रहे मामले

जिले में कुत्ता काटने के मामले साल दर साल बढ़ रहे है। प्रमुख मार्गों से लेकर गली-मुहल्लों में भी लोग आवारा कुत्तों की समस्या से परेशान है। छोटे बच्चों का सड़कों पर निकलना खतरे से खाली नही है। बड़ों को भी कुत्तों का खाैफ रहता है। जिससे चलते लोग टहलने के दौरान भी डंडा व छड़ी लेकर निकलते हैं। रात होते ही कुत्तों का आतंक तेजी से बढ़ जाता है। सड़कों के किनारे बैठा कुत्तों का झुंड वाहनों के पीछे दौड़ने लगता है।

  
इनकी वजह से वाहन चालक गिरकर भी हो रहे घायल

कई बार दुपहिया वाहन चालक घबराहट में गिरकर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। गांव से लेकर शहर तक आवारा कुत्तों के आतंक से निपटने के लिए अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई इंतजाम नहीं किया गया। विभागों के पास ना ही आवारा कुत्तों को पकड़ने की कोई व्यवस्था है और ना ही पशु पालन विभाग के पास उनकी नसबंदी का कोई प्रबंध है। एंटी रैबीज वैक्सीन ही कुत्ते के संक्रमण से बचाव का एक मात्र साधन है।

  
पिछले पांच वर्षों में कुत्ता काटने के मामले

  • 1-वर्ष 2020-13490 मामले
  • 2-वर्ष 2021-14835 मामले
  • 3-वर्ष 2022-20931 मामले
  • 4-वर्ष 2023-29603 मामले
  • 5-वर्ष 2024-24866 मामले


  
वर्ष 2025 के आकड़े

  • 1-जनवरी-3175
  • 2-फरवरी-3547
  • 3-मार्च-2454
  • 4-अप्रैल-2109
  • 5-मई-2129
  • 6-जून-2082
  • 7-जुलाई-1660
  • 8-अगस्त-1627
  • 9-सितंबर-1602
  • कुल- 20385


  

  
कुत्तों के आतंक के कुछ प्रमुख स्थान

  • 1-पछैया बस्ती
  • 2-तकिया चौराहा
  • 3-शुभला फार्मेसी
  • 4-ब्लाक गेट
  • 5-ठठराई मुहाल
  • 6--रुहाई मुहाल
  • 7-नरायनपुर मुहल्ला
  • 8-दयालपुर मुहल्ले में पानी की टंकी के पास
  • 9-सीएचसी दिबियापुर
  • 10-सीएचसी बिधूना


  


आवारा कुत्तों को लेकर शासन की तरफ से जो निर्देश आएंगे। उसका पालन किया जाएगा।
डा. इन्द्रमणि त्रिपाठी, जिलाधिकारी
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

1210K

Threads

0

Posts

3810K

Credits

administrator

Credits
388010

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com