जागरण संवाददाता, फतेहपुर। गैर इरादतन हत्या व दहेज हत्या जैसे आरोप सिद्ध हो जाने पर सजा काट रहे 39 सिद्धदोष बंदियों में 28 की पत्रावलियां डीएम के अनुमोदन बाद शासन को भेज दी गई हैं। शेष 11 बंदियों की पत्रावलियों को जल्द कारागार मुख्यालय लखनऊ भेजा जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिला कारागार की 18 बैरकों में विभिन्न आरोपों दोहरे हत्याकांड, दुष्कर्म, डकैती, अपहरण, गैंग्स्टर आदि के करीब 850 विचाराधीन व सजायाफ्ता बंदी हैं। इनमें 50 के करीब महिलाएं हैं। बंदियों में 39 ऐसे हैं जिनका आचरण काफी अच्छा है और ये चोरी, हत्या के प्रयास, दहेज हत्या, गैर इरादतन हत्या जैसे आरोप सिद्ध हो जाने पर सजा काट रहे हैं और आधी से अधिक सजा भी काट चुके हैं।
भेज दी थीं पत्रावलियां
जेल प्रशासन ने इन सभी 39 बंदियों को फार्म-ए भी भरवाकर जिला प्रशासन के पास पत्रावलियां तैयार कर भेज दी थीं। जिसमें 28 बंदियों की पत्रावलियां शासन को भेज दी गई हैं। अभी 11 पत्रावलियां पेंडिंग हैं। अब शासन व राज्यपाल की संस्तुति मिलने के बाद जेल प्रशासन इनकी रिहाई की प्रक्रिया करेगा।
जेलर अनिल कुमार का कहना है कि डीजी जेल पीसी मीणा के निर्देश पर अच्छा आचरण रखने वाले 39 बंदियों की रिहाई के लिए फार्म-ए भरवाकर जिला प्रशासन के पास इनकी पत्रावलियां भेजी गई थीं। जिसमें 28 बंदियों की पत्रावली शासन को भेज दी गई है। जांच बाद 11 बंदियों की पत्रावली और भेजी जाएगी।
फार्म-ए में कैदियों का रहता ब्योरा: फार्म -ए में बंदियों का पूरा ब्योरा रहता है कि वह किस आरोप में कब जेल में आया, केस की क्या स्थिति है, कितने वर्ष या माह की सजा काट चुका है, गांव-मोहल्ले व जिले का पता, घर में कितने सदस्य हैं, प्रार्थना पत्र आदि का विवरण होता है। इसके बाद ये फार्म-ए पत्रावली में लगाकर प्रशासन व शासन को भेजा जाता है। इस फार्म को जेल प्रशासन अपने रिकार्ड में भी रखता है। |