प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम शनिवार को तीसरे दिन भी मोनाड विश्वविद्यालय में डटी रही।
जागरण संवाददाता, हापुड़। फर्जी डिग्री और मार्कशीट घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम शनिवार को तीसरे दिन भी मोनाड विश्वविद्यालय में डटी रही। बृहस्पतिवार से शुरू हुई छापेमारी अब उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के 16 ठिकानों तक फैल चुकी है, जहां से करोड़ों रुपये के काले धन के लेन-देन के सुराग मिलने की उम्मीद है। हालांकि, ईडी ने अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है, लेकिन स्रोतों के अनुसार टीम को महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत हाथ लगे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ईडी की प्रिवेंशन आफ मनी लान्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत चलाई जा रही इस कार्रवाई में मोनाड विश्वविद्यालय का मुख्य कैंपस हापुड़ के अलावा मेरठ, उन्नाव के सरस्वती मेडिकल कॉलेज, दिल्ली, फरीदाबाद, गुरूग्राम और सोनीपत के अन्य ठिकानों पर भी छापे मारे गए। बृहस्पतिवार तड़के दिल्ली से निजी वाहनों में हापुड़ पहुंची ईडी टीम ने सबसे पहले मोनाड विश्वविद्यालय पहुंचकर मई माह में उजागर हुए फर्जी मार्कशीट घोटाले की जांच शुरू की।
इसके बाद अर्जुन नगर, स्वर्ग आश्रम रोड और रेलवे रोड पर विश्वविद्यालय से जुड़े तीन कर्मचारियों के आवासों पर तलाशी ली गई, जहां से दस्तावेज और अहम जानकारियां बरामद की गईं। तीनों जगहों से टीम शुक्रवार को ही लौट चुकी है, लेकिन विश्वविद्यालय परिसर में छापेमारी तीसरे दिन भी जारी रही।
इस घोटाले का मुख्य आरोपित मोनाड विश्वविद्यालय के चेयरमैन विजेंद्र सिंह उर्फ विजेंद्र हुड्डा हैं। जो एक राजनीतिक रूप से संवेदनशील व्यक्ति हैं। हुड्डा ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर बिजनौर से तीसरे स्थान पर 2.18 लाख वोट हासिल किए थे।
उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हुड्डा पर फर्जी डिग्री बेचकर करोड़ों रुपये कमाने और शेल कंपनियों तथा नकली एडमिशन के जरिए पैसे धोने का आरोप है। ईडी इस नेटवर्क के वित्तीय पहलू की गहराई से जांच कर रही है। स्रोतों का कहना है कि टीम काले धन को ट्रेस करने और बरामद करने पर जुटी हुई है।
तीसरे दिन की कार्रवाई जारी रहने से संकेत मिलता है कि जांच एजेंसी को कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जो घोटाले के अंतरराष्ट्रीय आयामों को उजागर कर सकते हैं। |