आलू किसान अपने भुगतान को लेकर परेशान हैं।
जागरण संवाददाता, हापुड़। आलू किसान अपने भुगतान को लेकर परेशान हैं। प्रशासन के सहयोग से कर्नाटक के बंगलुरू स्थित उत्कल ट्यूबर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से टेंडर फार्मिंग के आधार पर आलू की बोआई की गई थी। खुदाई होने के बाद कंपनी ने आलू को उठवाकर कोल्ड स्टोर में भरवा लिया। उसमें से काफी आलू निकालकर बेच लिया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अब कंपनी किसानों का भुगतान नहीं कर रही है। किसानों का चार करोड़ रुपया बकाया है। कंपनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी है। उसके बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है। अब कंपनी के कर्मचारी किसानों को भुगत लेने की धमकी दे रहे हैं। इससे परेशान किसानों ने शुक्रवार दोपहर से कलक्ट्रेट पर धरना आरंभ कर दिया है।
जिले के किसान आर्थिक संकट की मार झेल रहे हैं। जिलाधिकारी ने बचे हुए आलू को गोदामों में ही होल्ड करा दिया है, लेकिन कंपनी फिर भी वार्ता तक के लिए नहीं आ रही है। ऐसे में किसानों के बच्चों की फीस, नई बोआई के लिए खाद-बीज और सर्दी के कपड़ों के लिए धनराशि तक की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। कंपनी ने करीब 184 आलू किसानों से फसल खरीदने के बाद पिछले आठ महीने से अधिक समय से उनका भुगतान अटका रखा है।
उत्कल ट्यूबर प्राइवेट लिमिटेड एक एग्री-टेक स्टार्टअप है। कंपनी उच्च गुणवत्ता वाले रोग-प्रतिरोधी आलू बीज विकसित करने के लिए टिश्यू कल्चर और एरोपोनिक्स तकनीक का उपयोग करती है। कंपनी ने किसानों को आकर्षित करने के लिए आकर्षक आफर दिए। मई 2025 में हुए इस अनुबंध के तहत कंपनी ने हापुड़ के कनिया कल्याणपुर, बाबूगढ़ और आसपास के गांवों के सैकड़ों किसानों तथा मेरठ के किसानों को बीज उपलब्ध कराए।
किसानों ने कंपनी के अधिकारियों संजय महंत, परवीर, अमित तोमर और तरूण के साथ लिखित समझौते किए। जून-जुलाई 2025 आलू की उपज कंपनी को सौंप दी गई, लेकिन भुगतान नहीं मिला। औसतन प्रति किसान के 2.5 तीन लाख रुपया बकाया हैं। जिला उद्यान अधिकारी डाक्टर हरित कुमार के अनुसार किसानों ने बीज के बदले फसल दी, लेकिन कंपनी ने भुगतान नहीं किया। अब आर्थिक संकट के चलते कई किसान कर्ज चुकाने में असमर्थ हैं।
परेशान किसानों को अब कंपनी के प्रतिनिधि धमकी दे रहे हैं। इससे परेशान किसानों ने कलक्ट्रेट परिसर में बेमियादी धरना आरंभ कर दिया। किसान समरपाल सिंह, समीर रहमान, मेघराज, कुलदीप सिंह, मुनेष,संजय, शोकेंद्र व दीपक आदि ने समस्या का समाधान नहीं होने तक धरने पर बैठे रहने का एलान किया है।
किसानों का आरोप है कि डीएम ने जिला उद्यान अधिकारी को रुपये दिलाने का जिम्मा सौंपा था। कंपनी के प्रतिनिधियों से मिलने के बाद जिला उद्यान अधिकारी के भी सुर बदल रहे हैं। इससे वह हैरान हैं।
किसान वास्तव में परेशान हैं। हमने किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह जिलाधिकारी से मिलने की मांग पर ही अड़े हैं। शुक्रवार को जिले से बाहर होने के कारण डीएम की उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। हम किसानों को रात में समझाने का फिर से प्रयास कर रहे हैं। - संदीप कुमार, अपर जिलाधिकारी |