राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अब वह दिन दूर नहीं जब गांव की हर महिला अपनी मेहनत और हुनर से ‘लखपति दीदी’ कहलाएगी। इसके लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अस्पतालों, पर्यटन स्थलों, पुलिस लाइन, आइटीआइ, पालिटेक्निक, चीनी मिलों और बस अड्डों पर प्रेरणा कैंटीन के लिए स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
राशन की दुकानों पर भी समूह के उत्पादों को स्थान देने की योजना है। लखपति महिला कार्यक्रम की राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में इसे लेकर कई निर्णय लिए गए।
मुख्य सचिव एसपी गोयल ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे अपनी योजनाओं में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं को प्राथमिकता दें, ताकि प्रत्येक महिला सालाना एक लाख रुपये से अधिक की स्थायी आय अर्जित कर सके। ऐसे समूहों की पहचान की जाए जो लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें प्रोत्साहित किया जाए।
इन समूहों के उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन के लिए ठोस रणनीति बनाई जाए, ताकि महिलाओं की आमदनी में निरंतर वृद्धि हो सके। निर्णय लिया गया कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग सौर ऊर्जा संचालित फूड प्रोसेसिंग यूनिट जैसे सोलर आटा चक्की, मसाला ग्राइंडर, ड्रायर और डीप फ्रीजर वितरित करेगा।
साथ ही प्रदेश के सभी हवाई अड्डों पर एसएचजी उत्पादों के बिक्री केंद्र खोले जाएंगे। टीबी मरीजों को एसएचजी द्वारा तैयार पोषण पोटली दी जाएगी। पंचायती राज विभाग को निर्देश दिए गए कि ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाइट की स्थापना और रखरखाव में सूर्य सखियों को प्राथमिकता दी जाए।
वहीं यूपीनेडा को कहा गया कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत महिला किसानों को अनुदान पर सौर पंप वितरित किए जाएं। स्कूल ड्रेस की सिलाई, मिड-डे-मील के मसाले और खाद्य तेल की आपूर्ति भी समूहों से कराए जाने पर जोर दिया गया।
मिशन निदेशक यूपीएसआरएलएम दीपा रंजन ने बताया कि प्रदेश में अब तक 35.94 लाख महिलाओं का चिन्हांकन हुआ है, जिनमें 29.68 लाख की आय का विवरण डिजिटल आजीविका रजिस्टर में दर्ज है। इनमें से 18.55 लाख महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं।
नमो ड्रोन दीदी परियोजना के तहत वर्ष 2024-25 में 114 महिलाएं ड्रोन दीदी बनी हैं, जबकि 2025-26 में 2283 ड्रोन दीदी बनाने का लक्ष्य है। अब तक 493 महिलाओं का चयन हो चुका है। 20 लाख एसएचजी सदस्य पशुपालन से जुड़ी हैं, 41 मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं, और 7044 सदस्यों को 18.68 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है।
वर्तमान में वाराणसी और अयोध्या हवाई अड्डों पर समूह उत्पादों की बिक्री जारी है, जबकि 2000 प्रस्तावित प्रेरणा कैंटीनों में से 845 सीएचसी और पीएचसी पर संचालित हैं। अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण एल. वेंकटेश्वर लू, सहकारिता के प्रमुख सचिव सौरभ बाबू सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। |