जागरण संवाददाता, चंदौसी। संभल स्थित शाही जामा मस्जिद बनाम श्री हरिहर मंदिर विवाद मामले में गुरुवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट, चंदौसी में निर्धारित सुनवाई स्थगित कर दी गई। अब इस मामले की अगली सुनवाई तीन दिसंबर को होगी। यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि यह मामला वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सर्वोच्च न्यायालय में इस प्रकरण की सुनवाई सात नवंबर को निर्धारित है। पिछली सुनवाई में न्यायाधीश आदित्य सिंह ने छह नवंबर की तारीख तय की थी, किंतु उच्चतम न्यायालय में होने वाली सुनवाई को ध्यान में रखते हुए तिथि आगे बढ़ा दी गई। भारत सरकार और एएसआइ की ओर अधिवक्ता विष्णु शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के स्टेटस रिपोर्ट को देखते हुए स्थानीय अदालत ने अगली तिथि तीन दिसंबर तय की है।
गौरतलब है कि 19 नवंबर 2023 को हिंदू पक्ष ने चंदौसी सिविल सीनियर डिवीजन कोर्ट में दावा दायर किया था कि संभल की शाही जामा मस्जिद वास्तव में श्री हरिहर मंदिर है। इसके बाद 19 नवंबर की शाम मस्जिद परिसर में पहले चरण का सर्वे हुआ, जबकि दूसरा चरण 24 नवंबर को पूरा हुआ था। सर्वे के दौरान उपजे विवाद ने हिंसक रूप ले लिया था। भीड़ द्वारा पुलिस पर पथराव और फायरिंग की गई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। इस मामले में तीन हत्यारोपितों, तीन महिलाओं और इंतजामिया मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट सहित कुल 103 अभियुक्तों को जेल भेजा जा गया था।
सिमरन गुप्ता के प्रार्थनापत्र पर भी सुनवाई स्थगित
उक्त प्रकरण में हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिमरन गुप्ता ने भी पक्षकार बनने के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन चंदौसी, आदित्य सिंह की अदालत में प्रार्थनापत्र दाखिल किया है। उन्होंने कहा है कि वे सनातनी हैं और इस मुकदमे में उन्हें भी पक्षकार बनाया जाए। इस प्रार्थनापत्र पर भी गुरुवार को सुनवाई होनी थी, किंतु अदालत ने इसे भी तीन दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है।
राहुल गांधी से जुड़े बयान मामले में फैसल सात नवंबर को
चंदौसी: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से जुड़े बयान के मामले में संभल की एमपी-एमएलए एडीजे कोर्ट में 28 अक्टूबर को बहस पूरी हो गई थी। अदालत ने फैसले के लिए सात नवंबर की तारीख तय की है। यह मामला हिंदू शक्ति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिमरन गुप्ता द्वारा दायर उस याचिका से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के बयान “हमारी लड़ाई भाजपा-आरएसएस से नहीं बल्कि इंडियन स्टेट से है” को देश की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया था। पूर्व में न्यायालय की ओर से इस पर संज्ञान लेकर राहुल गांधी को नोटिस जारी कर चुका है। 28 अक्टूबर को बहस पूर्ण होने पर न्यायाधीश आरती फौजदार ने फैसला सात नवंबर को सुनाने की घोषणा की थी। |