सरकार नहीं खरीद रही बाजरा, किसानों को हर बोरी पर 700 से 800 रुपए का नुकसान : महिपाल बड़दू  
 
  
 
  
 
संवाद सूत्र, मंडी। बाजरे की सरकारी खरीद नहीं होने से किसान परेशान हैं। उनको मजबूरी में कम दाम पर खुले बाजार में बाजरा बेचना पड़ रहा है। ऐसे में हर बोरी पर लगभग 700 से 800 रुपये से ज्यादा का नुकसान हो रहा है। जिसको लेकर भारतीय किसान संघ सरकार से काफी नाराज है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
शनिवार को संघ के प्रदेश मंत्री व बिजली आयाम प्रमुख महीपाल बड़दु ने किसान संघ के पदाधिकारियो और किसानों के साथ नई अनाज मंडी ढिगावा जाटान दौरा किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीद शुरू न होने को लेकर भारतीय किसान संघ ही नहीं प्रदेश के किसानों में भारी रोष है।  
 
  
 
सरकारी खरीद शुरू न होने के चलते किसान संघ के पदाधिकारी ने ढिगावा जाटान की नई अनाज मंडी में विरोध प्रदर्शन किया। किसान संघ के जिला मीडिया प्रभारी मदन लाल ने कहा प्रदेश में 22 सितंबर से खरीद शुरू करने के आदेश हो चुके थे लेकिन अब तक बाजरे की खरीद शुरू नहीं हुई है किसान अपनी अगली फसल की बुआई के लिए पैसों की तंगी से जूझ रहा है।  
 
बाजरा खरीद को लेकर अधिकारियों के मंशा ठीक नजर नहीं आ रही। भारतीय किसान संघ ने सरकार पर बाजरा खरीद प्रक्रिया में लापरवाही बरतने और किसानों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है। किसानों का जल्द समाधान नहीं हुआ तो भारतीय किसान संघ आंदोलन करने पर मजबूर होगा।  
 
  
बाजरे को 1800 से 1900 रुपये में बेचने पर मजबूर किसान   
 
संघ के प्रदेश मंत्री व बिजली आयाम प्रमुख महीपाल बड़दु ने कहां की बाजरे की कढ़ाई के साथ ही किसान बाजरे की फसल को अनाज मंडी में लेकर आने शुरू हो गए हैं। अकेली ढिगावा मंडी में करीब 20000 क्विंटल बाजरा पड़ा है। लेकिन बाजरे की सरकारी खरीद अभी शुरू नहीं हुई है।  
 
तो ऐसे में व्यापारी बाजरे को 1800 से 1900 रुपए प्रति कुंटल के हिसाब से खरीद रहे हैं। जबकि हरियाणा सरकार ने सरकारी भाव 2775 रुपए प्रति कुंटल के हिसाब से निर्धारित कर रखा था। |