LHC0088 • 2025-11-6 21:37:23 • views 543
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने स्वीकार किया कि राज्य में 250 जनसंख्या वाली 700 बस्तियां ऐसी हैं, जो सड़क सुविधा से वंचित हैं। इन बस्तियों में सड़क सुविधा पहुंचाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इन ग्रामीण बस्तियों में रहने वाले ग्रामीणों द्वारा भूमि लोक निर्माण के नाम पर नहीं किए जाने के कारण सड़कों का काम लटका हुआ है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
294 सड़कों को स्वीकृति
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के चौथे चरण में हिमाचल को 294 सड़कों की स्वीकृति मिली है, जिन पर 2271 करोड़ रुपये की लागत से 1538 किलोमीटर सड़कें बनाई जाएंगी। साथ ही, भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र ने पीएमजीएसवाई-1 की सड़कों की मरम्मत को पीएमजीएसवाई-4 के साथ जोड़ने की विशेष मंजूरी दी है।
निजी भूमि के मसले जल्द सुलझाएं
उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि जहां निजी भूमि पर सड़कें बननी हैं, वहां लोग जमीन की गिफ्ट डीड लोक निर्माण विभाग के नाम करें, ताकि पहाड़ी और जनजातीय क्षेत्रों में सड़कें समय पर तैयार हो सकें। केंद्र सरकार से स्वीकृत हुई 294 सड़कों में लोगों द्वारा भूमि दान किए जाने के बाद ही सड़क निर्माण की अन्य औपचारिकताएं आगे बढ़ी हैं।
ठेकेदारों को क्यों नहीं हो रहा भुगतान
ठेकेदारों के भुगतान को लेकर हो रही देरी पर विक्रमादित्य सिंह का कहना था कि ठेकेदारों को कुछ भुगतान हुआ है। ट्रेजरी में तकनीकी दिक्कत के कारण कुछ भुगतान लंबित है। लेकिन जल्द सभी ठेकेदारों को बकाया का भुगतान कर दिया जाएगा।
मानसून में 4000 करोड़ का नुकसान
विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि हालिया मानसून के दौरान भारी बारिश से लोक निर्माण विभाग को करीब 4000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। भरमौर, ओट, लुहरी और सेंज जैसे क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क को भारी क्षति पहुंची है। केंद्र सरकार से फिलहाल 19 करोड़ रुपये मेंटेनेंस के लिए प्राप्त हुए हैं, जबकि 1500 करोड़ रुपये की सहायता राशि अभी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर पर बहाली कार्य युद्धस्तर पर कर रही है। फिलहाल प्रदेश में 50 सड़कें बंद हैं जिन्हें जल्द खोलने का प्रयास जारी है।
टारिंग में लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई
विक्रमादित्य सिंह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि मौसम साफ होने के बाद राज्यभर में टारिंग कार्य तेज गति से चल रहा है। कई जगह गुणवत्ता को लेकर शिकायतें आई हैं। इस पर कार्रवाई के लिए सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है, जो एक सप्ताह में रिपोर्ट देगी। लापरवाही मिलने पर ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
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विकास के साथ देव परंपराओं का सम्मान जरूरी
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विकास कार्यों के साथ-साथ देव परंपराओं और स्थानीय मान्यताओं का सम्मान भी उतना ही आवश्यक है, ताकि भविष्य में किसी प्रकार का विवाद न हो। उन्होंने बिजली महादेव और चंबा में भी उठे विवाद पर उनका कहना था कि इन स्थानों पर निर्माण से पहले देवताओं से अनुमति ली जानी चाहिए।
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देवताओं की ओर से जो आदेश दिए जाते हैं, उसका पालन होना चाहिए। इस संबंध में केंद्र सरकार को देखना चाहिए कि वहां के लोग विकास कार्य शुरू होने से पहले क्या चाहते हैं। |
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