जागरण संवाददाता, बरेली। रामगंगा तट पर लगा चौबारी मेला यूं तो ग्रामीणों का मेला कहा जाता है, लेकिन मुख्य स्नान पर्व के बाद गुरुवार को शहरियों की भीड़ बढ़ गई थी। करगैना, सुभाषनगर क्षेत्र के लोग बाइक और कार से पहुंचे थे। मुख्य स्नान पर्व पर पहुंचे ग्रामीणों की ट्रैक्टर-ट्रालियों से वापसी शुरू हो जाने से मेला में मुख्य मार्ग पर जाम की स्थिति रही। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वापसी के साथ मेले में आने वालों की भी भीड़ थी, इसलिए जाम खोलवाने में पुलिस कर्मियों को पसीने छूट रहे थे। घोड़ों के नखासा में खरीद-फरोख्त चल रहा था, लेकिन भीड़ छंटने लगी है। स्नान घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ कम रही, लेकिन लोगों का आवागमन बना हुआ था। बरेली-बदायूं हाईवे से मेले के प्रवेश मार्ग से एक ओर जहां मेले में आ रहे लोगों की भीड़ थी, वहीं दूसरी ओर परिवार के साथ मेले में रुके लोगों की ट्रैक्टर-ट्रालियों से निकलने की भीड़ थी।
बाइक के अलावा कोई वाहन मेले के भीतर नहीं जाने दिया जा रहा था, लेकिन लौटने वालों के ट्रैक्टर-ट्रोलियों की लंबी कतार लगी रही।विविध आकार की प्लास्टिक की बाल बिक्री करने वालों की संख्या अधिक दिखाई पड़ रही थी। मेले में चार बड़े झूले लगे हुए हैं, इनका संचालन मुख्य स्नान पर्व पर ही हुआ था। झूलों पर सबसे ज्यादा भीड़ दिखाई पड़ रही थी।
टिकट लेकर लोगों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा था। ढोलक की बिक्री चल रही थी, जोवनपुर गांव के इरफान तो अपने गले में 36 ढोलक टांग कर घूम-घूमकर बिक्री करते दिखाई दिए।मीना बाजार में महिलाओं की भीड़ बढ़ गई थी। सिलबट्टा की दुकानों पर भी महिलाएं मोलभाव करती दिखाई पड़ीं। भूमिधरों की जमीन पर लगे इस ग्रामीणांचल के मेले में शहर के लोगों के पहुंचने से रौकन बढ़ गई थी।
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