जागरण संवाददाता, बरेली। टिसुआ रेलवे स्टेशन पर इंजन से डीजल चोरी के मामले में पांचवें दिन भी आरपीएफ की जांच टीम किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। इस प्रकरण में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। जांच में सामने आ रहा है कि किसी संगठित गैंग का नेटवर्क इस चोरी में शामिल है, जो लंबे समय से बरेली रेल सेक्शन में डीजल चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जांचकर्ताओं के अनुसार, शाम छह बजे के करीब जब अभी पूरी तरह अंधेरा नहीं हुआ था, तभी टिसुआ में खड़ी मालगाड़ी के इंजन टैंक से पाइप डालकर चोरी की गई। उस समय इंजन में ही दोनों लोको पायलट मौजूद थे।
बावजूद इसके, चोरों ने चंद कदम की दूरी पर बैठे लोको पायलटों के सामने ही टैंक की सील तोड़कर पाइप डाल दिया। इतनी निडरता से चोरी करना इस बात का संकेत है कि गैंग को अंदरूनी जानकारी हासिल थी।
मुरादाबाद से चलने के समय इंजन के टैंक में सात हजार लीटर डीजल था, जबकि बरेली पहुंचने पर केवल पांच हजार लीटर ही निकला। यानी करीब दो हजार लीटर डीजल चोरी हुआ। इस दौरान ओवरफ्लो के कारण काफी मात्रा में डीजल जमीन पर बह गया। गौरतलब है कि मुरादाबाद-बरेली रेल सेक्शन इलेक्ट्रिक है, इसलिए इंजन में डीजल का उपयोग नहीं हुआ था।
उसी रात बिशारतगंज स्टेशन पर भी मालगाड़ी से डीजल चोरी का प्रयास हुआ था, जिससे यह आशंका और गहरी हो गई है कि एक ही गैंग दोनों घटनाओं में शामिल है। इधर मुरादाबाद मंडल के डीआरएम ने भी संज्ञान लिया है। आरपीएफ कमांडेंट उत्कर्ष नारायण ने जांच की मानीटरिंग के लिए असिस्टेंट कमांडेंट को लगाते हुए चार आरपीएफ टीमें जांच में जुटी हैं।
डीजल चोरी प्रकरण में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। हर बिंदु पर जांच की जा रही है। आरोपियों की तलाश में टीमें लगी हैं। घटना का जल्द ही खुलासा किया जाएगा।
-उत्कर्ष नारायण, आरपीएफ कमांडेंट, उत्तर रेलवे, मुरादाबाद |