deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

दिल्ली HC का रूसी मां को चार वर्ष की बेटी की कस्टडी देने से इनकार, भारत छोड़ने की आशंका के साथ याचिका खारिज

LHC0088 1 hour(s) ago views 708

  



जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। चार साल की एक बच्ची की अंतरिम कस्टडी उसके भारतीय पिता को देने के पारिवारिक अदालत के निर्णय को दिल्ली हाई कोर्ट ने बरकरार रखा है।

न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने कहा कि बच्ची की रूसी मां का बच्ची को लेकर भारत छोड़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है और इससे भारत में चल रही कानूनी कार्यवाही निरर्थक हो जाएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

पीठ ने तर्क दिया कि अदालत नहीं चाहती कि भारतीय अदालतों का अधिकार क्षेत्र छीना जाए। अदालत ने यह टिप्पणी बच्ची (जो स्वयं भी रूसी नागरिक है) की कस्टडी पिता को देने के पारिवारिक अदालत के निर्णय को चुनौती देने वाली बच्ची की मां की अपील को खारिज करते हुए की।

अदालत ने कहा कि मां और बेटी दोनों के पास रूसी पासपोर्ट हैं और मां ने पहले रूसी दूतावास की सहायता से निकास परमिट प्राप्त किया था। ऐसे में इस बात की पूरी आशंका है कि अपीलकर्ता बच्चे को रूस लेकर जा सकती है और उसे भारतीय अदालतों के अधिकार क्षेत्र से बाहर कर सकती है।

अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश हुए एक मामले का हवाला दिया। जिसमें एक रूसी महिला को रूसी सरकार ने अपने बच्चे के साथ भारत छोड़ने में सहायता की थी, जबकि हिरासत का मामला भारत की सर्वोच्च अदालत में लंबित है। सर्वोच्च न्यायालय ने बच्चे की संयुक्त हिरासत मां और भारतीय पिता को प्रदान की थी।

याचिका के अनुसार 2013 में दोनों की शादी की हुई थी। दोनों रूस में रहते थे और वहीं बेटी का जन्म हुआ था। इसके बाद वे भारत आ गए और नोएडा फिर देहरादून में रहने लगे। हालांकि, घरेलू दुर्व्यवहार के आरोपों के बाद तलाक की लड़ाई में उलझ गए। महिला ने दिल्ली स्थित रूसी दूतावास सहित कई जगहों पर शरण ली।

पारिवारिक अदालत यह देखते हुए पिता को बच्ची की कस्डटी दी कि महिला गोवा में रहती है और नृत्य एवं योग प्रशिक्षण से 25,000 प्रति माह की कमाई करती है, जबकि पिता देहरादून में अपनी पैतृक संपत्ति पर रह रहा है। उनके पास एक स्थिर आवास और आय है। हाई कोर्ट ने तथ्यों को देखते हुए पारिवारिक अदालत के निर्णय को बरकरार रखने पर सहमति व्यक्त की।

यह भी पढ़ें- ठप चेक-इन सर्वर ने एअर इंडिया की 40 उड़ानों पर डाला असर, दिल्ली एयरपोर्ट से 85% विमानों का देरी से डिपार्चर
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

610K

Credits

Forum Veteran

Credits
69692