दुधवा टाइगर रिजर्व का मुख्यद्वार। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। वन्यजीव प्रेमियों और सैलानियों के लिए खुशखबरी है। प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क शनिवार एक नवंबर से पर्यटकों के लिए खुल जाएंगे। इस बार 15 दिन पहले पर्यटन सीजन की औपचारिक शुरुआत वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डाॅ. अरुण कुमार सक्सेना करेंगे। मंत्री पहले दुधवा नेशनल पार्क में और बाद में पीलीभीत टाइगर रिजर्व पहुंचकर सीजन का शुभारंभ करेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सैलानियों को आरक्षण में पारदर्शिता और सुविधा दोनों
प्रदेश में कुल चार प्रमुख वन्यजीव पर्यटन स्थल हैं। इनमें दुधवा नेशनल पार्क, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, कतर्निया घाट वन्यजीव अभयारण्य और चित्रकूट स्थित रानीपुर टाइगर रिजर्व हैं। ये सभी स्थान समृद्ध जैव विविधता और दुर्लभ प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध हैं।
खासकर दुधवा और पीलीभीत में बंगाल टाइगर, हाथी और बारहसिंघा जैसे वन्यजीव सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रहते हैं। गैंडे दुधवा का अतिरिक्त आकर्षण हैं। वन विभाग इस वर्ष सैलानियों के लिए कई नई सुविधाएं भी शुरू करने जा रहा है।
अब पर्यटक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सफारी की भी अग्रिम बुकिंग कर सकेंगे। आनलाइन बुकिंग पोर्टल का उद्घाटन भी शनिवार को वन मंत्री करेंगे। इससे सैलानियों को आरक्षण में पारदर्शिता और सुविधा दोनों मिलेंगी।
पर्यटन सीजन एक नवंबर से 14 जून 2026 तक
प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव अनुराधा वेमूरी ने बताया कि पर्यटन सीजन एक नवंबर से 14 जून 2026 तक चलेगा। इस दौरान देश-विदेश से हजारों सैलानी इन प्राकृतिक स्थलों की सैर करेंगे। विभाग ने सुरक्षा, गाइडलाइन और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं।
विभाग का मानना है कि पर्यटन सीजन न केवल पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाएगा बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और आय के नए अवसर भी प्रदान करेगा। स्वच्छ और जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी पर्यटकों से नियमों का पालन करने की अपील की गई है।
इस वेबसाइट से करा सकते हैं ऑनलाइन बुकिंग
टाइगर रिजर्व व नेशनल पार्क में ठहरने के लिए कमरों की ऑनलाइन बुकिंग upecotourism.in वेबसाइट से करा सकते हैं। दुधवा टाइगर रिजर्व में काटेज 5500 रुपये प्रति दिन के हिसाब से मिलता है। 250 रुपये प्रति पर्यटक प्रवेश शुल्क भी देना होता है। जंगल सफारी की बुकिंग चार से पांच हजार रुपये में होती है।
एक गाड़ी में सात लोग जंगल सफारी कर सकते हैं। यदि कम लोग हैं तो शेयरिंग में 800 से एक हजार रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से सफारी का शुल्क लगता है। पीलीभीत के चूका में थारू हट का एक दिन का किराया भी 5500 रुपये है।
सड़क मार्ग से इस तरह पहुंचें
दुधवा नेशनल पार्क : लखनऊ से सीतापुर, लखीमपुर, गोला, खुटार, मैलानी, पलिया होते हुए दुधवा पहुंचा जा सकता है। कुल 228 किलोमीटर का सफर है। नई दिल्ली से मुरादाबाद, बरेली, पीलीभीत, खुटार, मैलानी, पलिया होते हुए दुधवा पहुंचा जा सकता है। इस मार्ग से कुल 427 किलोमीटर का सफर है।
चूका बीच व पीलीभीत टाइगर रिजर्व : लखनऊ से सीतापुर, शाहजहांपुर, पीलीभीत होते हुए चूका पहुंचा जा सकता है। इस मार्ग से 260 किलोमीटर का सफर है। इसी प्रकार नई दिल्ली से मुरादाबाद, बरेली, पीलीभीत से चूका पहुंचा जा सकता है।
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