राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में कुल 12.43 करोड़ मतदाता हैं, इनमें से 2,27,33,769 मतदाता डुप्लीकेट मिले हैं। एआइ टूल्स व साफ्टवेयर के जरिए हुई पड़ताल में कुल 90,760,15 मतदाताओं के नाम दो से तीन जगह दर्ज मिले हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्येक जिले में डुप्लीकेट मतदाताओं की जांच के लिए जिलाधिकारियों को सूची भेजी है। दो माह बीत जाने के बावजूद मात्र छह प्रतिशत डुप्लीकेट मतदाताओं की ही जांच हो सकी है। आयोग ने जांच की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए सभी जिलों को इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
आयोग ने अपनी मतदाता सूची में डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान के लिए एक साफ्टवेयर बनवाया है। इसमें नाम, पिता का नाम, लिंग व उम्र का मिलान करने पर कुल 90,760,15 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में 2,27,33,769 जगह मिले हैं।
आयोग ने अगस्त माह में सूची जिलों को जांच के लिए भेजी थी। किंतु अब तक 13,28,419 मतदाताओं की ही जांच हो सकी है। इसमें से 11,22,274 मतदाता सही मिले हैं जबकि 1,63,675 मतदाताओं के नाम काटे गए हैं। अभी भी 2,14,05,350 मतदाताओं की जांच होना बाकी है।
स्थिति यह है कि आजमगढ़, कौशांबी, गोंडा, मऊ, महराजगंज, सीतापुर, बलिया, चंदौली, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, देवरिया, प्रयागराज व बलरामपुर ऐसे जिले में जहां जांच की प्रगति शून्य है। राज्य निर्वाचन आयुक्त राज प्रताप सिंह ने डुप्लीकेट मतदाताओं की जांच में धीमी रफ्तार पर नाराजगी जताई है।
उन्होंने बताया कि सभी जिलों को विकासखंडवार डुप्लीकेट मतदाताओं की नाम पता सहित विस्तृत सूची भेजी गई है। आयोग ने हर हाल में 15 नवंबर तक जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट आने के बाद डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काट दिए जाएंगे। |