पांच साल बाद भी बस स्टैंड के लिए जमीन अधर में  
 
  
 
जागरण संवाददाता, गोपालगंज। पांच साल की लंबी अवधि बीतने के बाद भी जिला मुख्यालय में बस स्टैंड के लिए जमीन चयनित करने का कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। ऐसे में मॉडल बस स्टैंड बनाने की योजना पटरी से उतरती नजर आ रही है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
पूर्व में शहर के राजेंद्र बस स्टैंड को मॉडल बस स्टैंड बनाने की योजना तैयार की गई थी। पर्याप्त स्थान के अभाव में यहां मॉडल बस स्टैंड के निर्माण को मंजूरी नहीं मिली। तब साढ़े चार करोड़ की लागत से यहां मॉडल बस स्टैंड बनाने की योजना तैयार की गई थी।  
राजेंद्र बस स्टैंड जिले का एक मात्र मुख्य बस पड़ाव  
 
शहर का राजेंद्र बस स्टैंड जिले का एक मात्र मुख्य बस पड़ाव है। इस स्टैंड से सूबे की राजधानी पटना, वाराणसी, मुजफ्फरपुर से लेकर सिलिगुड़ी तथा रांची के लिए बसें चलती हैं।   
 
हर साल इस स्टैंड की बंदोबस्ती से नगर परिषद को लाखों रुपये की आय होती है, लेकिन इसके बाद भी इस स्टैंड में यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। यहां न तो यात्रियों के लिए बैठने की व्यवस्था है और ना ही बसों को खड़ी करने की ठीक व्यवस्था है।   
परिसर में कीचड़ व कचरा पसरा  
 
पूरे स्टैंड परिसर में कीचड़ व कचरा पसरा रहता है। बारिश होने पर परिसर जलजमाव की चपेट में आ जाता है। इससे यहां बस पकड़ने के लिए आने वाले यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।   
 
इसे देखते हुए करीब पांच साल पहले नगर परिषद ने इस बस स्टैंड का कायाकल्प करने की पहल शुरू की। इस पहल के तहत बस स्टैंड परिसर में वातानुकूलित भवन बनाए जाने की नगर परिषद ने योजना बनाई। इस भवन में यात्रियों के बैठने की बढि़या व्यवस्था से लेकर टीवी भी लगाए जाने का प्लान था।   
 
डिस्प्ले पर बस के बारे में सूचना देने से लेकर बस स्टैंड परिसर में मॉल भी बनाए जाने का प्रस्ताव था, जहां रेस्टोरेंट से लेकर यात्रियों की जरूरत के सभी सामान मिल सके। इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए यहां वाईफाई की सुविधा भी उपलब्ध कराने की योजना तैयार की गई।   
राजेंद्र बस स्टैंड में पर्याप्त जमीन की कमी  
 
साढ़े चार करोड़ की योजना तैयार कर नगर परिषद ने स्वीकृति के लिए नगर विकास विभाग को भेज दिया, इस बीच राजेंद्र बस स्टैंड में पर्याप्त जमीन की कमी के कारण योजना फंसी रह गई।   
 
करीब पांच साल से इस बस स्टैंड के लिए जमीन की तलाश की कवायद चल रही है। इस बीच पर्याप्त जमीन नहीं मिलने के कारण जिले को आजतक एक स्तरीय बस स्टैंड नहीं मिल सका है।डेटशीट, 17 फरवरी से शुरू |