झारखंड में चक्रवाती तूफान \“मोंथा\“ का असर गहरा पड़ा है।   
 
  
 
राज्य ब्यूरो, रांची।  झारखंड में चक्रवाती तूफान \“मोंथा\“ का असर गहरा पड़ा है। इससे खेतों में खड़ी धान की फसलें चपेट में आ गईं हैं। प्रभावित जिलों में किसानों की सालभर की मेहनत पर पानी फिर गया है।  
 
तैयार धान की बालियां गिर गई हैं। खेतों में जलभराव हो गया है और कटाई के लिए रखी फसलें खराब हो रही हैं। मौसम विभाग (आइएमडी) ने 31 अक्टूबर तक 19 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें भारी वर्षा और वज्रपात की चेतावनी दी गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
धान के अलावा आलू, सब्जियों की फसलें भी प्रभावित हुईं है। प्रारंभिक अनुमानों के मुताबिक, राज्य में कम से कम 20-25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में लगी धान की फसल प्रभावित हुई है। सरकार ने तूफान के असर से निपटने के लिए त्वरित कदम उठाए हैं।  
 
आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी 24 जिलों के उपायुक्तों (डीसी) को पत्र भेजकर फसलों की क्षति का आकलन करने और रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है। विभागीय मंत्री डा. इरफान अंसारी ने कहा कि सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है।  
 
अधिकारियों को राहत पहुंचाने के सख्त निर्देश हैं। क्षति आकलन के आधार पर मुआवजा घोषित किया जाएगा। रिपोर्ट में फसलों के नुकसान का विस्तृत सर्वे, प्रभावित किसानों की सूची और राहत वितरण की योजना शामिल करने को कहा गया है। |   
                
                                                    
                                                                
        
 
    
                                     
 
 
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