जागरण संवाददाता, पलवल। पलवल में साइबर ठगी के जाल में फंसकर लाखों रुपये गंवाने के बाद आत्महत्या करने वाले छात्र के परिजनों ने मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर बुधवार को जिला पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की।
जिला पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच पलवल को सौंपने और आरोपितों की गिरफ्तारी का आश्वासन स्वजन को दिया है।
मामले में जटौला गांव के रहने वाले प्रमोद ने शिकायत में बताया था कि उनके चाचा का 21 वर्षीय बेटा सर्वेश पलवल के एक निजी कालेज से एमबीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहा था। ससाइबर ठगों ने वॉट्सऐप के जरिए सर्वेश से संपर्क किया और उसे दोगुना करने का लालच दिया। शुरुआत में सर्वेश ने थोड़ी रकम लगाई, जिसे बढ़ाकर उसे वापस कर दिया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इससे सर्वेश ठगों के झांसे में आ गया। उसने अपने खाते से और अपनी माता कश्मीरा व पिता तारीफ सिंह के खातों से भी अलग-अलग फोन पे और यूपीआई नंबरों पर पैसे भेजे। कुल मिलाकर, सर्वेश ने ठगों के खातों में लगभग साढ़े तीन लाख रुपये जमा कर दिए। जब सर्वेश ने अपनी रकम वापस मांगी, तो आरोपितों ने पैसे लौटाने से इनकार कर दिया। खुद को ठगा हुआ महसूस करने और इसी तनाव के चलते सर्वेश ने बीती 30 सितंबर को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
प्रमोद के अनुसार इस मामले में उन्होंने गदपुरी थाना में साइबर ठगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया, लेकिन पुलिस ने कमजोर धारा जोड़ी। वहीं अभी तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। वह पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए वह पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करने पहुंचे हैं।
वहीं, मुलाकात के दौरान जिला पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला ने मामले की जांच क्राइम ब्रांच पलवल की टीम को देने की बात कही है, ताकि आरोपितों की गिरफ्तारी हो सके। |