ईडी का तमिलनाडु में नौकरी घोटाले का खुलासा  
 
  
 
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु में पैसे से लेकर नौकरी देने के एक बड़े घोटाले का भंडाफोड़ किया है। एक बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मामले की जांच के दौरान मारे गए छापे में इस घोटाले के सबूत मिले हैं। ईडी ने सारे सबूतों के साथ तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर इस मामले में केस दर्ज जांच शुरू करने को कहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
ईडी के अनुसार घोटाला नगर प्रशासन और जल आपूर्ति विभाग में 2024-2026 के बीच 2,538 सरकारी पदों की भर्ती में हुआ और सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता और नगर नियोजन अधिकारी जैसे पदों के लिए हर उम्मीदवार से 25 लाख से 35 लाख रुपये तक लिये गए। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपा था।दरअसल ईडी ने इस साल अप्रैल में चेन्नई, त्रिची और कोयंबटूर में मारे गए छापे में मोबाइल, लैपटाप, कंप्यूटर, हार्ड ड्राइव जैसे कई इलेक्ट्रोनिक उपकरण जब्त किये गए थे।  
ईडी का तमिलनाडु में नौकरी घोटाले का खुलासा  
 
इनकी जांच के दौरान पैसे के बदले नौकरी घोटाले का पता चला। जिनके पास ये सबूत मिले हैं, उनमें दो नगर प्रशासन व जल आपूर्ति मंत्री केएन नेहरू भाई और अन्य करीबी हैं। उनके बीच नौकरी के लिए चयन से लेकर पैसे के लेन-देन और हवाला के मार्फत उन्हें मंगाने से सारे सबूत है। ईडी ने 235 पेज की रिपोर्ट तमिलनाडु पुलिस महानिदेशक को भेजी है, जिनमें 150 युवाओं को पैसे लेकर नौकरी दिये जाने के ठोस सबूत हैं।  
2024-2026 के बीच हुआ भर्ती घोटाला  
 
दरअसल कानून के मुताबिक ईडी किसी मामले की मनी लां¨ड्रग की जांच अपने-आप शुरू नहीं कर सकती है, इसके लिए पहले किसी अन्य जांच एजेंसी में एफआइआर दर्ज होना जरूरी है। तमिलनाडु पुलिस की एफआइआर दर्ज करने के बाद ईडी इस मामले की मनी लां¨ड्रग जांच शुरू कर सकती है। जाहिर है अप्रैल में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के ठीक पहले इस घोटाले के खुलासे से मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और उनकी पार्टी डीएमके की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जाहिर तौर पर भाजपा, एआइएडीएमके व अन्य पार्टियां इसे राजनीतिक मुद्दा बना सकती हैं। |